Chandrababu Naidu Arrest: आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू गिरफ्तार, स्किल डेवलेपमेंट घोटाला में CID ने की गिरफ्तारी

Chandrababu Naidu Arrest: चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार करने बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स सुबह तीन बजे नांदयाल स्थित नायडू के कैंप में पहंची थी. स्किल डेवलेपमेंट घोटाला में उनके बेटे लोकेश को भी हिरासत में लिया गया.

Andhra Pradesh: : तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को भ्रष्टाचार के मामले में आपराधिक जांच विभाग (CID) ने शनिवार (9 सितम्बर) सुबह नाय़डू के खिलाफ कार्रवाई की. नायडू के खिलाफ 2021 में स्किल डेवलेपमेंट घोटाला को लेकर मामला दर्ज किया गया था. नायडू को सुबह नांदयाल से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे शहर के आरके फंक्शन हाल स्थित अपने कैंप में आराम कर रहे थे. उनको गिरफ्तार करने नांदयाल के डीआईजी रघुरामी रेड्डी और सीआईडी पहुंची थी. इधर चंद्रबाबू नायडू के बेटे और टीडीपी नेता नारा लोकेश को पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया है.

स्किल डेवलेपमेंट घोटाला में चंद्रबाबू नायडू क्यों हुए गिरफ्तार ?

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन.चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी द्वारा स्किल डेवलेपमेंट घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है. स्किल डेवलेपमेंट घोटाला 350 करोड़ रुपये का है और इसमें चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ साल 2021 में एफआईआर दर्ज की गई थी. आज सीआरपीसी की धारा 50(1)(2) के तहत चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की गई है.

क्या है स्किल डेवलेपमेंट घोटाला ?

आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के शासन के दौरान युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए स्किल डेवलेपमेंट योजना की शुरुआत की गई थी, इसमें हैदराबाद और इसके आसपास के इलाकों में स्थित भारी उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल विकास प्रशिक्षण देने की योजना थी. चंद्रबाबू सरकार ने योजना के तहत इसकी जिम्मेदारी एक कंपनी Siemens को दी थी. इस योजना में छह क्लस्टर्स बनाए गए. पूरी योजना में 3300 करोड़ रुपये खर्च होने थे, जिसमें हर क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च करना था. इस योजना में तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू की सरकार कुल खर्च का 10 प्रतिशत यानी कि 370 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रवधान था, जबकि बाकी का 90 प्रतिशत खर्च कौशल विकास प्रशिक्षण देने वाली कंपनी सीमेन्स द्वारा खर्च करने का प्रावधान था. इसमें चंद्रबाबू नायडू की सरकार पर आरोप लगा कि उसने योजना के तहत खर्च किए जाने वाले 371 करोड़ रुपये शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिए और पैसे ट्रांसफर करने से संबंधित दस्तावेज भी नष्ट कर दिए गए.

विशेष संवाददाता

Jetline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *