केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईआई, एनआईटी में जल्‍द भरे जाएंगे शिक्षकों के खाली पद

दिल्ली : विशेष संवाददाता

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ आईआईटी व एनआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में भी शीर्ष के खाली पड़े पदों को भरने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर ऐसे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के शीर्ष के खाली पड़े पदों को भर दिया जाएगा. फिलहाल अकेले आईआईटी जैसे संस्थान में चेयरमैन के आठ व डायरेक्टर के पांच पद खाली हैं. वहीं एनआईटी में चेयरमैन के 21 और डायरेक्टर के पांच पद खाली हैं. इन संस्थानों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के भी पद खाली हैं.

सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय का फोकस पहले शीर्ष पदों को भरने का है. शिक्षा मंत्रालय में यह तेजी नए शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान के आने के बाद दिखाई दे रही है. उन्होंने जिम्मेदारी संभालने के 15 दिनों के भीतर ही 12 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को अंतिम रूप दिया है. हालांकि, इसके बाद भी जेएनयू, डीयू, बीएचयू सहित 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति होनी बाकी है. अब इस पर भी तेजी से काम चल रहा है. मौजूदा समय में देश भर में 23 आईआईटी और 31 एनआईटी मौजूद हैं. वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या करीब 50 है.

सभी शीर्ष पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू

शिक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो उच्च शिक्षण संस्थानों में चेयरमैन सहित खाली पड़े सभी शीर्ष पदों को भरने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है. जल्द ही इन्हें अंतिम रूप देने को कहा गया है. खास बात यह है कि इनकी नियुक्ति में कुछ देरी कोरोना संक्रमण के चलते भी हुई है, क्योंकि इस काल में नियुक्ति से जुड़ी गतिविधियों जैसे-कमेटी का गठन, इंटरव्यू आदि नहीं हो पाया था. फिलहाल इन सभी में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. शिक्षा मंत्रालय इस काम को इसलिए भी प्राथमिकता में रखकर चल रहा है, क्योंकि मौजूदा संसद सत्र में दोनों सदनों में अब तक शीर्ष के खाली पदों से जुड़े करीब आधा दर्जन सवाल पूछे जा चुके हैं.

देश के शीर्ष संस्थानों में शामिल जेएनयू और डीयू जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थिति सबसे खराब है. शिक्षकों की इन संस्थानों में भारी कमी है. संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक जेएनयू में मौजूदा समय में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 926 हैं, जबकि इनमें से 308 पद खाली हैं. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 1706 हैं, जबकि 846 पद खाली पड़े हैं.

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