दिल्ली :
Right To Education Act: केंद्र सरकार ने शिक्षा के अधिकार नियम, 2010 में संशोधन किया है. केंद्र सरकार की ओर से कक्षा 5वीं से लेकर 8वीं कक्षा तक के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी (No Detention Policy) को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. अब जो भी छात्र 5th से लेकर 8th तक अगर फेल हो जाते हैं तो उन्हें अगली क्लास में प्रमोशन नहीं दिया जायेगा. पास होने के लिए उन्हें दोबारा से परीक्षा पास करनी होगी.
यह संशोधन आरटीए अधिनियम में 2019 के संशोधन के पांच साल बाद आया है, जिसमें “नो-डिटेंशन” नीति को खत्म कर दिया गया था. 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) में संशोधन के बाद, कम से कम 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही दोनों कक्षाओं के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है.
अब जो भी छात्र 5th से लेकर 8th तक अगर फेल हो जाते हैं तो उन्हें अगली क्लास में प्रमोशन नहीं दिया जायेगा. नए नियम के तहत अब उनको फेल ही माना जायेगा और नए नियम के मुताबिक पास होने के लिए उन्हें दोबारा से परीक्षा पास करनी होगी. पास होने के लिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी और जब तक वे पास नहीं होते पदोन्नत नहीं किया जायेगा. हालांकि स्कूल छात्र को निष्कासित नहीं कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने इस पॉलिसी को खत्म करने के साथ ही स्कूलों को बच्चों के निष्कासित करने पर रोक लगा दी है. अगर कोई छात्र फेल हो जाता है तो स्कूल उसे जबरन बाहर नहीं निकाल सकते हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस पॉलिसी को खत्म करने का मुख्य उद्देश्य एकेडमिक परफॉर्मेंस में सुधार लाना है. इसके साथ ही इससे छात्रों की सीखने की क्षमता में भी विकास होगा जिसके चलते केंद्र सरकार की ओर से यह अहम फैसला लिया गया है.
नए पॉलिसी के मुताबिक ऐसे छात्र जो 5th से लेकर 8th तक फेल हो जाते हैं तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए स्कूलों को दो महीने के अंदर दोबारा से परीक्षा आयोजित करनी होगी. ऐसे में फेल हुए छात्र 2 महीने के अंदर ही उस विषय की अच्छी तैयारी करके उस कक्षा में पास हो पायेंगे. शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अधिसूचना केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3,000 से अधिक स्कूलों पर लागू होगी.
