देश में अगले साल से शुरू हो सकती है(census-in-india-start-for-next-year)जनगणना. यह जनगणना प्रक्रिया 2025 से 2026 तक चलेगी और 2026 में आंकड़े प्रकाशित होंगे. इसके बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन भी होगा. आपको बता दें कि 2021 में कोविड की वजह से जनगणना प्रक्रिया टालनी पड़ी थी.
बता दें कि जनगणना का कार्य जनगणना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत किया जाता है. इस अधिनियम को बनाने हेतु विधेयक भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा पेश किया गया था. इसी के तहत हर 10 साल बाद सरकार जनगणना कराती है. 2011 तक, भारत की जनगणना 15 बार की जा चुकी है. 1872 में यह ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड मेयो के अधीन पहली बार कराई गयी थी.
इस दफे जनगणना के डेटा रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया अगले साल 2025 में शुरू होगी, जबकि इसकी रिपोर्ट 2026 में प्रकाशित की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक जाति, धर्म के आधार पर भी जनगणना कराए जाने पर विचार हो रहा है. जनगणना के बाद लोकसभा सीटों की परिसीमन का रास्ता साफ हो जाएगा. इसके बाद हर 10 साल में होने वाली जनगणना 2035 में होगी. हर 10 साल में होने वाली भारत में जनगणना अब 2035 में होगी. अब तक हर 10 साल में होने वाली जनगणना दशक की शुरुआत में होती थी. सूत्रों ने बताया कि जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा. परिसीमन की प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है.
भारत में पिछली दफा जनगणना 2011 में हुई थी. इसका अगला चरण 2021 में शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसमें देरी हो गई. इसके बाद से जनगणना को लेकर चर्चा चल रही थी. सूत्रों के अनुसार अगली जनगणना के आंकड़े 2026 में उपलब्ध होंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जनगणना के डेटा रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी और रिपोर्ट 2026 में प्रकाशित किया जायेगा.
भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी. स्वतंत्रता के बाद पहली जनगणना 1951 में और आखिरी जनगणना 2011 में दर्ज की गई थी. जनगणना के आंकड़े भारत सरकार के लिए नीति निर्माण और कार्यान्वयन तथा देश में संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. आपको बता दें कि जनगणना जनसंख्या, जनसांख्यिकी, आर्थिक स्थिति आदि सहित कई पहलुओं पर प्रकाश डालती है. 2011 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121.1 करोड़ है, जिसमें 52 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं हैं.