दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी से नीतीश कुमार की मुलाकात 23 अगस्त को होनी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर उनसे मिलने का समय मांगा था. उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी है कि पीएम से मिलने का समय मिल गया है. उनके साथ बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी होंगे. लालू यादव और जीतन राम मांझी ने भी जातिगत जनगणना कराने की वकालत की है. जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय 23 अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे का मिला है.
जातिगत जनगणना के पक्ष में नीतीश कुमार
बिहार में एनडीए की सरकार है. बावजूद इसके जनगणना को लेकर दोनों के अलग मत हैं. भाजपा जाति आधारित जनगणना का समर्थन नहीं करती है, जबकि सीएम नीतीश कुमार ने कहा, “जाति गणना की मांग सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों की भी मांग है.” सीएम नीतीश कुमार ने कहा था हमलोग तो चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो जाए, लेकिन ये काम तो केंद्र सरकार को करना है. एक बार अगर जनगणना हो जाती है तो बहुत अच्छा रहेगा. जहां तक राज्य सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने की बात है तो पहले केंद्र सरकार से बात हो जाए, उसके बाद ही कोई निर्णय होगा.
जातिगत जनगणना के समर्थन में विपक्ष – तेजस्वी यादव
लालू यादव के बेटे और बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव की रणनीति अभी से तैयार करे विपक्ष. तेजस्वी ने सुझाव दिया कि विपक्ष के सभी दल जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाएं. जातिगत जनगणना को लेकर पीएम मोदी से 23 अगस्त को संभावित मिलने को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोग केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने का आग्रह करेंगे. तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष को जनहित के मुद्दों पर सड़क पर आना ही होगा. चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष को अगले चुनाव की तैयारी करनी चाहिए. चुनाव से चंद दिन पहले ही गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, गठबंधन और उससे संबंधित जो भी सहमति हो, वह तय समय सीमा में चुनाव से पूर्व ही बने.
जातिगत जनगणना पर बिहार विधानसभा सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर चुका है
2022 में बिहार के 7 जिलों में विधानसभा उपचुनाव होने हैं. इसको लेकर भी जातिगत जनगणना बिहार के लिए अहम विषय बना हुआ है. 2019 में बिहार विधानसभा और विधानपरिषद में जाति-आधारित जनगणना के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. 2020 में भी राज्य विधानसभा ने फिर से सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था. बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने भी इस महीने की शुरुआत में एक ट्वीट कर जाति आधारित जनगणना की मांग की थी. बिहार के सीएम ने कहा कि जाति आधारित जनगणना से पिछड़े वर्ग तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी. बिहार में जाति आधारित जनगणना की मांग पक्ष और विपक्ष दोनों कर रहा है.