न्यूज डेस्क :
अभी तक केवल प्राइवेट स्कूलों में ही प्ले स्कूल की व्यवस्था थी, सरकारी स्कूलों में क्लास एक से नामांकन होता था, लेकिन आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी स्कूलों में भी प्ले स्कूल चालू करने का फैसला लिया है. सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए समग्र शिक्षा को बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हुए फैसलों का ब्रीफिंग करते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि समग्र शिक्षा को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. स्कूली शिक्षा समान्य वर्ग तक पहुंच सके, इसके लिए समग्र शिक्षा शुरू किया गया था. इसे बढा कर मार्च 2026 तक किया जाएगा, जिससे 15.6 करोड छात्रों को लाभ मिलेगा. यूनिवर्सल शिक्षा को भी इसमें शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि पहली बार सरकारी स्कूलों में प्ले स्कूल की परिकल्पना की गई है. अब सरकारी स्कूल में भी प्ले स्कूल शुरू हो जाएगा. स्कूल में खेल को बढ़ावा देने के लिए एडिशनल ग्रांट की व्यवस्था की गई है. गांव में इंटरनेट का फायदा होगा. स्मार्ट क्लासरूम डिजिटल बोर्ड आदि को शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों पर खास ध्यान दिया जायेगा और इसके लिए समग्र शिक्षा में ट्रांसपोर्ट के लिए इंसेंटिव भी दिया जाएगा.
बाल अपराध को रोकने के लिए पोस्को एक्ट को और कड़ा बनाया जाएगा
रेप केस में जल्द न्याय के लिए 2023 तक स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट चलते रहेंगे. इसमें 1586 करोड़ का पूरा खर्च होगा, जिसमे 971.70 केंद्र सरकार और बाकी राज्य सरकारों का योगदान होगा. इस योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी और इसे 2023 तक कंटिन्यू किया जाएगा. माइनर गर्ल्स को जल्द न्याय देने के लिए यह फैसला हुआ था. फिलहाल 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं, जिसमे 389 पोस्को कोर्ट हैं.