डॉ. निशा सिंह
बिहार विधानसभा की दो सीटों पर 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि मतों की गिनती दो नवंबर को होगी. कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र से जदयू के शशिभूषण हजारी और तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के मेवालाल चौधरी के निधन के बाद दोनों विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराया जा रहा है. 2020 को हुए विधानसभा चुनाव में दोनों सीटों पर जदयू का कब्जा रहा था. इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में आज आठ अक्टूबर तक प्रत्याशियों का नामांकन होगा. अबकी बार बीजेपी-जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और चिराग पासवान की पार्टी चुनाव मैदान में है. यानी दोनों सीटों पर लड़ाई चतुष्कोणीय हो गया है, क्योंकि दोनों सीटों पर जेडीयू और आरजेडी के अलावा कांग्रेस और लोजपा (राम विलास), चिराग गुट के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. उपचुनाव में चाचा (नीतीश-पारस) बनाम भतीजा (तेजश्वी-चिराग) की लड़ाई दिलचस्प हो रहा है. जदयू अपने दोनों जीते सीटों को बचाने में जुटी है तो भतीजा तेजस्वी यादव और चिराग पासवान अपनी रणनीति से चाचा (नीतीश और पारस) को मात देने में जुटे हैं. दोनों चाचा एक प्लेटफार्म पर हैं तो दूसरी ओर भतीजा तेजस्वी और चिराग अलग-अलग प्लेटफार्म से चाचा (नीतीश और पारस) को शिकस्त देने में जुटे हैं.
दोनों सीटों पर कौन हैं उम्मीदवार ?
1. एनडीए की तरफ से जदयू के राजीव कुमार सिंह, तारापुर से और अमन भूषण हजारी को कुशेश्वर स्थान से मैदान में उतारा गया है.
2. राजद ने कुशेश्वरस्थान सीट पर गणेश भारती और तारापुर सीट से अरुण साह को चुनाव मैदान में उतारा है.
3. कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान सीट से अतिरेक कुमार तो तारापुर विधानसभा सीट से राजेश कुमार को उम्मीदवार बनाया है.
4 चिराग पासवान ने कुशेश्वरस्थान सीट से अंजू देवी को अपना उम्मीदवार बनाया और तारापुर सीट से चंदन सिंह को मैदान में उतारा है.
चाचा-भतीजा की राजनीति के बीच वोटर हैं दिग्भ्रमित
पिछ्ले विधान सभा चुनाव में राजनीतिक चाचा नीतीश कुमार को भतीजा लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने मात दे दी थी, लेकिन तोड़-जोड़ करके नीतीश कुमार फिर सत्ता पर काबिज रहे. राजद 75 सीट और जदयू केवल 43 पर जीत हासिल कर सकी थी. बड़ी पार्टी होने के बाद भी बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर रखा. अब उपचुनाव में नीतीश कुमार का कितना दबदबा रहेगा ये अभी कहना मुश्किल है, लेकिन राजद-कांग्रेस-चिराग के मैदान में आने से शायद बीजेपी-जदयू गठबंधन को फायदा मिल सकता है. कांग्रेस और राजद में वोटों का बंटवारा हो रहा है. फिर चिराग पासवान ने भी वोट काटने के लिए अपने उम्मीदवार को खड़ा किया है. पिछले चुनाव में चिराग ने नीतीश को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. परिणाम ये हुआ कि लोजपा टूट गयी. चाचा पशुपति पारस 4 सांसदों को लेकर पार्टी पर कब्ज़ा करने की तरफ है. मामला अभी चुनाव आयोग से लेकर कोर्ट में हैं. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने चिराग और पशुपति पारस की पार्टी को अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह दे दिया है. चिराग पासवान की पार्टी अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नाम से जानी जाएगी. उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी अब हेलिकॉप्टर होगा. वहीं पशुपति पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी होगा. उनको सिलाई मशीन का चुनाव चिह्न निर्वाचन आयोग ने दिया है. पशुपति पारस अब नीतीश कुमार के प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहे हैं.
चिराग पासवान ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस पर बड़ा हमला बोला. चिराग ने कहा कि चाचा ने महज मंत्री बनने के लिए पार्टी और परिवार, दोनों की कुर्बानी दे दी. चिराग पासवान ने कहा कि कुर्सी और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए वो नीतीश कुमार की गोद में बैठ गए हैं. चाचा को पार्टी की विचारधारा से कोई मतलब नहीं है और उस नीतीश कुमार के सहारे मंत्री बन गए हैं जिन्होंने राम विलास पासवान पर उस समय हमला किया जब वो अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे. चिराग पासवान ने कहा पिछले चुनाव में लोजपा को 6.45 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ था. इस बार भी मुझे ये वोट मिलेंगे.
2020 में तारापुर विधानसभा का परिणाम के बारे में जानिए
तारापुर विधानसभा चुनाव 2020 में कुल 26 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. इनके किस्मत का फैसला कुल तीन लाख 17 हजार 340 मतदाताओं को करना था. इस विधानसभा क्षेत्र में तब एक लाख 74 हजार 547 मतदाताओं (55 प्रतिशत) ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. तारापुर विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू के मेवालाल चौधरी को कुल 64468 मत (36.93 प्रतिशत) प्राप्त हुए थे. यहां से उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के दिव्या प्रकाश को कुल 57243 मत (32.8 प्रतिशत) प्राप्त हुआ था. यहां से लोजपा की प्रत्याशी मीना देवी को कुल 11264 मत (6.45 प्रतिशत) मत प्राप्त हुआ था.