पटना : डॉ. निशा कुमारी
बिहार विधानसभा का बजट सत्र 19 फरवरी से शुरू हो रहा है जो 24 मार्च तक चलेगा. 19 फरवरी से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा 22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2021 – 22 के लिए बजट पेश किया जाएगा. इस बार सत्र के हंगामेदार होने के आसार दिख रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के रिजल्ट निकलने और नीतीश सरकार के गठन के लंबे अंतराल पर बजट सत्र बुलाया गया है. माना जा रहा है कि राज्य में अपराध, कोरोना जांच में गड़बड़ी समेत दूसरे मुद्दों पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खींचतानी के कारण चुनाव के बाद पहली बार इतना लंबा सत्र बुलाया गया है. विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार हमलावर हो सकता है. इन मुद्दों में चुनाव के दौरान रोजगार के लिए किए दावे, कोरोना जांच में किया गया घोटाला, राज्य में बढ़ रहा अपराध और चुनाव में कथित तौर पर की गई बेईमानी मुख्य है.
वित्तीय वर्ष 2021 -22 :इस बार डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद बजट पेश करेंगे
19 फरवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र 24 मार्च तक चलेगा. सत्र के पहले दिन बिहार विधानमंडल के विस्तारित सेंट्रल हॉल में बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में पहले राज्यपाल फागू चौहान का अभिभाषण होगा. इसके बाद 22 फरवरी को बिहार बजट 2021-22 पेश किया जाएगा. इस बार बिहार में 12वीं पास डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद बजट पेश करेंगे. वहीं 23 फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव पर बात-विवाद होगा. बजट पेश होने के बाद सत्र के अलग-अलग दिन हर विभाग के बजट की विस्तृत जानकारी दी जाएगी. इसके बाद 1 मार्च से 16 मार्च तक आय-व्ययक में सम्मिलित मांगों पर अनुदानों की मांगों पर बात-विवाद किया जाएगा. 17 को बात-विवाद पर सरकार का उत्तर होगा, वहीं 18 से 23 मार्च तक राजकीय विधेयकों का व्यवस्थापन होगा.
वित्तीय वर्ष 2020-21 : सुशील मोदी ने पेश किया था बजट
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बिहार के वित्तमंत्री सुशील मोदी राज्य का बजट बिहार विधानसभा में पेश किया था. जिसमें कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विशेष जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि पिछले साल की तुलना में 11 हजार करोड़ ज्यादा है बजट. 2004-05 की अपेक्षा इस वर्ष के बजट आठ गुना ज्यादा. 2004-05 में राज्य का बजट 23 हज़ार 885 करोड़ था. बजट 2.11 लाख करोड़ से अधिक का है.
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश दो लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. 1920 -21 की तुलना में बजट में 11 हजार 260 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया था.