मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट : संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होंगे, 1 फरवरी को पेश होगा बजट

Budget session 2024

दिल्ली : शार्प वे न्यूज़ नेटवर्क

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर नौ फरवरी तक चलेगा। इस बार का बजट लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाना है. बता दें कि 17वीं लोकसभा का यह अंतिम संसद सत्र भी होगा.सूत्रों के अनुसार इस बार केंद्र की मोदी सरकार की तरफ कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है. दस दिनों के बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों को 31 जनवरी को संबोधित करेंगी.और उसी दिन आर्थिक सर्वे पेश किए जाने की संभावना है। दस दिन तक चलने वाला यह बजट सत्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार अंतरिम बजट होगा। 2024 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पेश किए जाने वाले इस बजट के लोकलुभावन नीतियों से भरपूर होने की संभावना है।

आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी सरकार ने आयकर की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था, जिसका बहुत स्वागत किया गया था। इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कही जाने वाली चार विशेष जातियों महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के लिए विशेष योजनाएं पेश की जा सकती हैं।

आर्थिक मामलों के जानकार बताते हैं कि इस बार बजट में आयकर सीमा के बढ़ाने की संभावना नहीं है। प्रत्यक्ष आयकर दाताओं की संख्या पहले ही बहुत कम है, इसलिए सरकार आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर अपनी आय कम करने की बात नहीं सोचेगी। उसे लोक कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त पैसे की भी आवश्यकता है।आर्थिक मामलों के जानकार के अनुसार केंद्र सरकार की सबसे ज्यादा आय अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से हो रही है। जीएसटी कर संग्रह लगातार 1.50 लाख करोड़ सीमा को पार कर रहा है। इसको और ज्यादा बढ़ाने से सरकार की आय में वृद्धि हो सकती है।

शीतकालीन सत्र में हुआ था भारी हंगामा

संसद के पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ था. उस दौरान संसद के दोनों सदनों के बीच कई अहम बिलों पर चर्चा हुई थी और कई अहम कानून भी पास कराए गए थे. शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर भी विपक्ष केंद्र से जवाब मांग रहा था. विपक्षी दलों की मांग थी कि संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन में बयान में दें. जबकि केंद्र सरकार का कहना था कि विपक्ष सदन में अहम मुद्दों पर चर्चा करने से बच रहा है. शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदन से 140 से ज्यादा सांसदों को निलंबित भी किया गया था. दोनों ही सदन से सांसदों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित किया गया था. सांसदों के निलंबन को लेकर बाद में विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया था और संसद भवन से एक मार्च भी निकाला था

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