न्यूज डेस्क :
देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे BSF की ताकत अब बढ़ाई गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ को लेकर बड़ा फैसला किया है. अब भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाते हुए अब अधिकारियों को गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती की शक्तियां भी दे दी गई हैं. यानी इन जगहों पर अब बीएसएफ बिना मैजिस्ट्रेट के आदेश और वॉरंट के गिरफ्तारी और तलाशी कर सकती है.
बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र क्या है ?
बता दें कि अभी तक बीएएसफ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में पहले 15 किलोमीटर के दायरे में सर्च और अरेस्ट करने का अधिकार था, जिसे अब बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक कर दिया गया है।, हालांकि इस फैसले से गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कम किया गया है और सीमा का विस्तार 80 किमी से कम होकर 50 किमी हो गया है, जबकि राजस्थान में दायरा क्षेत्र पहले की तरह ही 50 किलोमीटर रखा गया है. इतना ही नहीं पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए यह दायरा घटाकर 80 से 20 किलोमीटर कर दिया गया है.
बीएसएफ की स्थापना कब और क्यों हुई?
बीएसएफ के कंधों पर भारत-बांग्लादेश के बीच 4096.7 किलोमीटर, भारत-पाकिस्तान के बीच 3323 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ और ओडिशा में माओवाद पर भी नकेल कसने का जिम्मा बीएसएफ के कंधों पर है. बता दें कि बीएसएफ की स्थापना 1 दिसम्बर 1965 में शांति के समय भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखने, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी. वर्तमान में बीएसएफ की 188 बटालियन है.