दिल्ली: विशेष संवाददाता
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 18 अक्टूबर को पार्टी नेताओं की अहम बैठक दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में बुलाई है. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं. नड्डा ने इसमें सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, सभी कार्यकारी सदस्य, प्रदेश अध्यक्ष और महासचिवों और सभी मोर्चों के अध्यक्षों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. बीजेपी मुख्यालय में पूरे दिन बैठक चलेगी. इस बैठक में संगठन के काम काज के साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब समेत सभी चुनावी राज्यों के सभी मुद्दों पर गहन चर्चा होगी. आपको बता दें कि अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने कल 7 अक्टूबर को अपनी नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस के हाथों बड़ी हार का सामना कर चुकी बीजेपी अब किसी भी तरह की कोई गलती नहीं करना चाहती है. इसी कारण बीजेपी मुख्यालय में सुबह 10 बजे यह बैठक का आयोजन किया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब समेत सभी चुनावी राज्यों के सभी मुद्दों पर गहन चर्चा होगी. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन के कामकाज की रूपरेखा तय करती है. कोविड-19 महामारी के चलते लंबे समय से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक नहीं हुई है. कार्यसमिति के मनोनीत सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद व वरिष्ठ नेता शामिल हैं. कार्यसमिति में पूर्व मंत्रियों हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद को भी जगह दी गई है.
2022 में इन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं
यूपी और पंजाब सहित अगले साल पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त होगा. वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मई तक चलेगा. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. निर्वाचन आयोग के एक जनवरी, 2021 के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में लगभग 14.66 करोड़ मतदाता हैं. वहीं, पंजाब में दो करोड़ से अधिक मतदाता हैं. उत्तराखंड में 78.15 लाख मतदाता पंजीकृत हैं. वहीं, मणिपुर में 19.58 लाख और गोवा में 11.45 लाख मतदाता हैं. पांचों राज्यों में कुल लगभग 17.84 करोड़ मतदाता हैं.
नाराजगी से बीजेपी और कांग्रेस अब मुख्यमंत्री को ही बदल रहे हैं
कई मोर्चे पर जूझ रही बीजेपी ने सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी की काट के लिए चेहरा बदला है. पिछले 6 महीने में बीजेपी ने 4 मुख्यमंत्री बदल दिए हैं. गुजरात, उत्तरखंड, कर्नाटक, असम के मुख्यमंत्री बदले गए हैं. गुजरात और उत्तराखंड में अगले साल चुनाव होने जा रहा है. कांग्रेस ने पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का प्रयोग किया है. पुराने नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है, जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने का दबाब बढ़ा हुआ है. बीजेपी किसी भी हालत में खासकर उत्तर प्रदेश को हारना नहीं चाहती है. बंगाल की हार से बीजेपी अब पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर केंद्रित कर रखा है. महंगाई, किसान आंदोलन, कोरोना के असर से बीजेपी अभी बैकफुट पर है. लखीमपुर की घटना ने विपक्ष को एक्टिव कर रखा है. राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल, चन्नी, अशोक गहलोत को लेकर लखीमपुर हिंसा पर राजनीति करने में जुटे हैं. योगी आदित्यनाथ इन सबका मुकाबला अपने स्तर से करने में अभी तक तो सफल हैं, लेकिन आगामी चुनाव में किसान आंदोलन से जुड़े वोट बैंक से निपटना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी. फ़िलहाल बीजेपी तमाम मुद्दे पर अपनी रणनीति बनाने में जुटी है.