दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
बिहार की कला और शिल्प को बढ़ावा देने और राज्य के बुनकरों के लिए स्थायी बाजार सुनिश्चित करने के लिए चाणक्यपुरी स्थित बिहार निवास में हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य कलाकृतियों की एक विस्तृत श्रृंखला की शुरुआत की गई है. इसका लोकार्पण बिहार भवन के स्थानिक आयुक्त पलका साहनी (भा.प्र.से.) ने किया. बिहार की मंजूषा कला, मधुबनी, सिक्की, सुजनी, ओबरा, पेपर माशे और अन्य धरोहर कलाओं के साथ ‘आर्ट कियोस्क’ का अनावरण हुआ.
बता दें कि बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों, बुनकरों, शिल्पकारों और क्यूरेटरों को स्थानीय कलाकारों और विक्रेताओं की सहायता से एक महत्वाकांक्षी साइट-विशिष्ट आयोगों को साकार करने के लिए आमंत्रित किया गया है. कलाकारों ने अपनी नई प्रदर्शनी के लिए दिल्ली और इसके ऐतिहासिक महत्व पर शोध किया है ताकि प्रत्येक शिल्प खरीदारों और आगंतुकों के लिए उपयोगी हो.
बिहार के कलात्मक कौशल का दूसरा स्थाई ठिकाना बना ‘बिहारिका’
दिल्ली के कनॉट प्लेस में अंबापाली बिहार एम्पोरियम के बाद, बिहार के कलात्मक कौशल को ‘बिहारिका’ के रूप में दूसरा स्थायी ठिकाना मिल गया है. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से बेहतरीन हस्तशिल्प और हथकरघा आर्ट को प्रोत्साहित करना है. मंजूषा कला, मधुबनी कला, सिक्की, सुजनी, पेपर माशे, बावन बूटी, ओबरा और मिथिला, तिरहुत, मगध, आंग और भोजपुर के कई अन्य प्रमुख कलाकृतियों से ‘बिहारिका’ को सुसज्जित किया गया है.
बिहारिका दिल्ली में अपनी अलग पहचान बनाएगा – पलका साहनी
इस अवसर पर स्थानिक आयुक्त पलका साहनी ने कहा, “बिहार राज्य पारंपरिक रूप से मधुबनी कला या मिथिला पेंटिंग के लिए दुनिया में जाना जाता है, लेकिन अब हम बिहार के विभिन्न जिलों के स्थानीय कलाकारों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि मधुबनी और मिथिला कला के अलावे मंजूषा, सिक्की, सुजनी सहित बिहार की अन्य लोक कलाओं को प्रसिद्धि मिले. पिछले दो वर्षों में, हमने 200 से ज़्यादा कलाकारों को सूचीबद्ध किया है. दिल्ली-स्थित बिहार के कारीगरों ने भी अपनी कलाकृतियों को बिहारिका भेजने के लिए सहमति दी है. आने वाले वर्षों में बिहारिका दिल्ली में अपनी अलग पहचान बनाएगा जिससे लोकल बुनकरों और शिल्पकारों को असीम संभावनाएं मिल सकेंगी.”
भोजन और कला का अनोखा मिश्रण होगा प्रदर्शनी में
इस प्रदर्शनी में भोजन और कला का अनोखा मिश्रण देखने को मिलेगा, क्योंकि आगंतुक बिहार निवास के ‘द पॉटबेली रेस्तरां’ में बिहार के कई लोकप्रिय व्यंजनों का स्वाद चख सकेंगे. बिहारिका के उद्घाटन के बाद लोगों को बिहार निवास आने के लिए अधिक रुचि बढ़ेगी. इसमें कलाकारों द्वारा भेजी गई विभिन्न कृतियों को कियोस्क पर प्रदर्शित किया गया है, जो सभी खरीदारों और आगंतुकों के लिए उपलब्ध है. इन वस्तुओं को डिजिटल भुगतान के द्वारा सीधे कलाकारों से खरीदा भी जा सकता है.