पटना – संवाददाता।
सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार बिहार सरकारी ने बड़ा फैसला लिया है. अब दुर्घटना में दोषी वाहनों का रजिस्ट्रेशन तो रद्द किया ही जाएगा, साथ ही चालक का लाइसेंस भी कैंसिल होगा. बिहार सरकार ऑटो और बस में ओवरलोडिंग को लेकर भी एक विशेष अभियान चलाने वाली है. राज्य के सभी जिलों में हेलमेट, सीट बेल्ट के साथ फिटनेस जांच अभियान में भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.
बिहार की परिवहन विभाग की मंत्री शीला कुमारी ने अपील की है कि वे दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर लगाएं और अपने वाहन को तेज गति से ना चलाएं. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कराने के लिए जिलों में विशेष वाहन जांच अभियान चलाएं. विशेषकर हाइवे पर ओवरलोडिंग आटो एवं बस को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाएं. हाल ही में परिवहन सचिव ने विभिन्न जिलों में हुई सड़क दुर्घटनाओं के कारणों एवं दुर्घटना के बाद की गई कार्रवाई के बारे में जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी से जानकारी ली थी. उन्होंने निर्देश दिया कि दुर्घटनास्थल पर तीन सदस्यीय दल जाकर त्वरित जांच और कार्रवाई करें ताकि सड़क दुर्घटना में मृतक के परिजनों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ मिल सके.
बिहार में लग्जरी इलेक्ट्रिक बसें भी चलेंगी
बिहार में जल्दी ही लग्जरी इलेक्ट्रिक बसें भी चलेंगी. इसकी शुरुआत राजधानी पटना से होगी. इसके लिए आठ बसें पटना के फुलवारीशरीफ पहुंच चुकी हैं. ये आधुनिक इलेक्ट्रिक बसें एक घंटे में रिचार्ज होंगी और फुल रिचार्ज होने पर यह 250 किलोमीटर तक का सफर तय करेंगी.
बिहार में दुर्घटना के आंकड़े
अगर आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक दशक में बिहार में औसतन प्रतिवर्ष 7000 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है और अधिकतर मामलों में रोड एक्सीडेंट से होने वाली मौतों के बाद आश्रितों की आर्थिक स्थिति भी बदहाल हो जाती है, क्योंकि मृतक के परिजनों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिल पाता है. बिहार में सड़क दुर्घटना के आंकड़े पिछले कुछ वर्षों में इस तरह रहा है –
साल-2017, दुर्घटना-8855, मौत-5554
साल-2018, दुर्घटना-9600, मौत-6729
साल-2019, दुर्घटना-10007, मौत-7205
साल-2020, दुर्घटना-8633, मौत-6634