पटना : लालू यादव ने नए साल में पोलिटिकल धमाका वाला बयान दे दिया है. लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोला गया है, जब चाहें वो महागठबंधन में फिर से लौट सकते हैं. लालू यादव ने कहा कि उनके लिए हमारा दरवाजा हमेशा खुला है और उनको भी खुला रखना चाहिए. हमलोग मिल बैठकर फैसला लेते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वो तो भाग जाते हैं चले जाते हैं. तो क्या बिहार विधान सभा चुनाव में राजद-जदयू-कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर चुनाव लड़ेगी? अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी को बिहार में टीक पाना मुश्किल हो जायेगा.
हालांकि ये तो अभी केवल संकेत भर माना जा सकता है. इधर तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन में पलटू चाचा नीतीश कुमार की नो एंट्री है. पिता और पुत्र के बीच नीतीश को लेकर बनयनबाजी से एक बार फिर बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा को बढ़ा दिया है. आपको बता दें कि पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव के करीबी RJD विधायक भाई वीरेंद्र और ने जेडीयू के साथ गठबंधन की भविष्य में कभी संभावना को लेकर बड़ा बयान दिया था. विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि राजनीति में कुछ भी संभव नहीं है. नीतीश कुमार ने बीते दो दशकों में कई बार गठबंधन सहयोगी बदले, लेकिन अपनी पार्टी की सीटें कम होने के बावजूद भी वो बिहार में सत्ता का केंद्र बने रहे हैं.
आपको बता दें कि बिहार में 2020 का विधानसभा चुनाव में 243 में से 125 सीटें जीतकर एनडीए सत्ता में आयी थी, लेकिन बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अगस्त 2022 में टूट गया था. नीतीश महागठबंधन में शामिल हो गए और नयी गठित सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनाए गए, लेकिन जनवरी 2024 में एक बार फिर नीतीश कुमार पलट गए. उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर फिर सरकार बना ली जो अभी चल रही है. कई मौकों पर नीतीश कुमार कह चुके हैं कि वे अब कहीं नही जाएंगे, बिहार में एनडीए एकजुट है, बीजेपी के साथ ही रहेंगे. इधर जदयू और बीजेपी के नेताओं का बयान से अभी दोनों पार्टी में हलचल है. बिहार चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन क्या साथ में चुनाव मैदान में उतर रही है? या फिर नितीश कुमार पलट कर महागठबन्धन में लौटकर लालू यादव के साथ मिलकर बीजेपी को रोकने की कोशिश करेंगे?
जातिगत जनगणना, वन नेशन वन इलेक्शन पर लालू के साथ हैं नीतीश
बीजेपी इस महीने 15 जनवरी से एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारी में जुटी है, जबकि नीतीश कुमार अपनी बिहार यात्रा से वोटरों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करने में जुटे है. नीतीश कुमार ये जानते हैं कि इस बार विधान सभा चुनाव में जदयू को कम सीटें आयी तो उनका मुख्यमंत्री पद और पार्टी का अस्तित्व संकट में हो जायेगा. इसीलिए बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने या लालू के साथ जाने की ख़बरों पर अभी वे चुप हैं. कोई नहीं जनता है कि नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है. जातिगत जनगणना, वन नेशन वन इलेक्शन पर नीतीश कुमार राजद के विचार से सहमत हैं. जातिगत जनगणना एक ऐसा मुद्दा है जिसका विरोध भाजपा कर रही है, जबकि नीतीश समर्थन में हैं.
नीतीश कुमार बोले- लालू क्या बोल रहे हैं छोड़िए ना
लालू यादव के इस बयान पर अब सीएम नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया भी सामने आ गयी है. पटना में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वह (लालू) क्या बोल रहे है छोड़िए ना. नीतीश कुमार ने लालू के बयान पर कोई अधिक प्रतिक्रिया नहीं दी और बस यह कहकर कि छोड़िए न आगे बढ़ गए. वहीं लालू यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के सीनियर लीडर ललन सिंह ने कहा कि वह क्या बोलते हैं, नहीं बोलते हैं, कुछ पता नही है. उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है, हम एनडीए में हैं.
