पटना : मुन्ना शर्मा
जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह जेडीयू के 18 साल के इतिहास में पहले सवर्ण अध्यक्ष बने हैं. इस मामले पर नीतीश कुमार के बेहद करीबी इंजीनियर दोस्त और बिहार सवर्ण आयोग के पूर्व सदस्य, जदयू के वरिष्ठ नेता इंजीनियर नरेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी का फैसला बेहतर है. नरेंद्र सिंह ने कहा नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू पहले से सभी जातियों को लेकर साथ चल रही है. ये कहना बिलकुल गलत है कि जदयू केवल पिछड़े और दलित की राजनीति करती है. ये विपक्ष का एकमात्र प्रोपगेंडा है. जनता सब बात जानती है. जदयू का एजेंडा है कि सभी वर्गों का विकास हो. पिछले 15 सालों से नीतीश कुमार ने जो काम किया है वो किसी भी शासन काल में नहीं हुआ था. बिहार पहला राज्य बना जहाँ सवर्ण के उत्थान के लिए बिहार सवर्ण आयोग बनाया गया, जिसके रिपोर्ट के आधार पर सवर्णों को सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक लाभ की कई योजनाएं चल रही है. नरेंद्र सिंह नीतीश कुमार के कॉलेज के दिनों के साथी और बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते हैं.
पुराने साथियों को वापस लाने की कोशिश होगी – ललन सिंह
जाति आधारित जनगणना पर ललन सिंह ने कहा जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. इसको लेकर बिहार विधानसभा से दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ भी है. ललन सिंह ने कहा कि हम ये नहीं मान कर चल रहे हैं कि बीजेपी अलग राय रखती है. विधानसभा चुनाव में साज़िश और षड्यंत्र हुआ था. षड्यंत्र करने वालों में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के साथ क्या हुआ, ये सबके सामने है. जेडीयू बिहार में पहले भी नम्बर -1 पार्टी थी, आज भी है और कल भी रहेगी. ललन सिंह ने कहा कि समता पार्टी के पुराने साथियों को वापस साथ लाने की कोशिश होगी. उन्होंने कहा कि पार्टी सभी जातियों को लेकर चल रही है इसमें कोई शंका नहीं होनी चाहिए. बिहार के बाहर पार्टी का विस्तार की प्रक्रिया शुरू होगी.
उमेश कुशवाहा ने कहा जिस पार्टी के नेता नीतीश कुमार हों उस पार्टी को घबराने की ज़रूरत नहीं
बिहार जेडीयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर कहा कि पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका होगी. पार्टी को फिर से बिहार में नम्बर -1 बनाने के सवाल पर उमेश कुशवाहा ने कहा जिस पार्टी के नेता नीतीश कुमार हों उस पार्टी को घबराने की ज़रूरत नहीं है. जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने ललन सिंह को बधाई दी और कहा कि उनके अनुभव का लाभ राष्ट्रीय स्तर पर संगठन को मज़बूत करने में मिलेगा.
जेडीयू 2005 से लेकर अब तक बिहार की सत्ता में है
जेडीयू की स्थापना 30 अक्टूबर, 2003 को हुई थी. अब तक पार्टी के 3 अध्यक्ष रह चुके हैं और ललन सिंह चौथे अध्यक्ष है. ललन सिंह जेडीयू के 18 साल के इतिहास में पहले सवर्ण अध्यक्ष है. इससे पहले तीनों अध्यक्ष ओबीसी से थे और माना जा रहा है कि सवर्ण जाति के ललन सिंह का अध्यक्ष पद पर चुनाव सामजिक समीकरण को साधने के लिये किया गया है. जेडीयू के पहले अध्यक्ष शरद यादव थे जो कि 2004 से 2016 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. शरद यादव के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू के अध्यक्ष बने और नीतीश कुमार के बाद आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. जेडीयू अपनी स्थापना से लेकर अब तक एनडीए (NDA) के हिस्सा रही है, सिर्फ जून 2013 से लेकर अगस्त 2017 को छोड़कर.
2005 से लेकर अब तक बिहार में जेडीयू का ही मुख्यमंत्री
बिहार की सियासत में जेडीयू के साथ एक खास बात ये है कि 2005 में लालू यादव- आरजेडी के सत्ता से हटने के बाद अब तक सभी मुख्यमंत्री जेडीयू से ही रहे हैं. मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा जेडीयू से बिहार में दूसरे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रह चुके हैं.
जेडीयू की लोकसभा और राज्यसभा में वर्तमान स्थिति
मौजूदा में लोकसभा में जेडीयू के 16 और बिहार की विधानसभा में पार्टी के 43 विधायक है. राज्यसभा में जेडीयू के 5 सदस्य है. केंद्र में आरसीपी सिंह जेडीयू कोटे से एकमात्र मंत्री हैं.
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