मुन्ना शर्मा
बिहार में होली के बाद कभी भी पंचायत चुनाव का ऐलान हो सकता है, लेकिन इस बार नियम कुछ सख्त होने जा रहा है. पंचायत चुनाव के ऐलान से पहले ही राज्य में मुखिया और सरपंच को बड़ा झटका लगा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों की सूची बनाने को लेकर नई अधिसूचना जारी की है. इस अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) का करेंगे. मतदान केंद्रों का अंतिम लिस्ट आयोग के सहमति से ही प्रकाशित किया जा सकता है.
आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बिहार में अप्रैल और मई में पंचायत चुनाव हो सकता है और चुनाव से पहले सभी जिले में अधिकृत अधिकारियों को मतदान केंद्र का निरीक्षण करना है. ये अधिकारी मतदान केंद्र की लिस्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपेंगे, जिसे आयोग की सहमति से प्रकाशित किया जाएगा.
राज्य निर्वाचन आयोग के नोटिफिकेशन में बताया गया है कि निवर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर की दूरी पर केंद्र नहीं बनाया जा सकता है और ऐसा होने पर अधिकृत अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा. बिहार में होली के बाद अप्रैल – मई में कभी भी पंचायत चुनाव का ऐलान हो सकता है.
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्देश के बाद राज्य के सभी 8387 ग्राम पंचायतों में मतदाता सूची के ड्राफ्ट का प्रकाशन जल्द ही कर दिया जायेगा. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन को लेकर बातचीत की है. इसके साथ ही जिन जिलों में मतदाता सूची के प्रकाशन में परेशानी थी, तो उसे दूर कर दिया गया है.
पंचायत चुनावों में देश में सबसे पहले 50 प्रतिशत महिला आरक्षण देकर बिहार पहल तो कर ही चुका था. अब राज्य चुनाव आयोग की मुखिया के घर से 100 मीटर तक मतदान केन्द्र नहीं बनाने के निर्देश से और भी पारदर्शिता आने की संभावना है.