Bihar Politics : पद्मश्री डा.जगदीश प्रसाद की बिहार की राजनीति में एंट्री के संकेत दे दिए हैं. वो बिहार में नई पार्टी और नए एजेंडे के साथ जनता के बीच जायेंगे. आम जनता के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था हो और उनके बच्चों के पढ़ने के लिए पंचायत से लेकर जिला स्तर पर विद्यालयों की व्यवस्था हो, जहां के शिक्षक पढ़ाने योग्य हों, साथ ही भ्रष्टाचार का समापन हो, इन उद्देश्यों के साथ डॉ. जगदीश प्रसाद राज्य के गांव-गांव का दौरा करने निकले हैं.
देश के जाने-माने ह्रदय रोग विशेषज्ञ व स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर जनरल रहे पद्मश्री डॉ. जगदीश प्रसाद ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी दी है कि वे अब दिल की सर्जरी करने के बाद बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार की सर्जरी करने के लिए राज्य के गांव-गांव का दौरा करने निकले हैं. स्वास्थ्य और शिक्षा को मौलिक अधिकार में शामिल करने की वकालत करने वाले प्रख्यात चिकित्सक डॉ. प्रसाद बिहार में शिक्षा व स्वास्थ्य की गिरती व्यवस्था से खासा परेशान हैं. आम जनता के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था हो और उनके बच्चों के पढ़ने के लिए पंचायत से लेकर जिला स्तर पर आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था हो. गरीबों को चिकित्सा व शिक्षा मुफ्त मिले तथा सरकारी व्यवस्था में नीचे से उपर तक व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए पद्मश्री डॉ. प्रसाद आम जनता के बीच निकले हैं.
नई पार्टी बनाकर राजनीति के माध्यम से सेवा करेंगे – डॉ. जगदीश प्रसाद
आपको बता दें कि उत्कृष्ट सेवा के लिए डॉ. जगदीश प्रसाद को वर्ष 1991 में ही 36 साल की उम्र में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री की उपाधि दी गई है. डॉ. प्रसाद ने बताया कि पिछले तीस वर्षों में बिहार की शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर रह गई है. अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ते जा रहा है. भ्रष्टाचार व महंगाई से आम जनता त्रस्त हो चुकी है. सरकारें मंदिर-मस्जिद की लड़ाई लगवाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में ही जुटी है. भ्रष्टाचार, शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों पर इन सरकारों का विकल्प तलाशने के लिए ही उन्होंने एक नई पार्टी का गठन करने का निर्णय लिया है. आज के संवाददाता सम्मेलन का मुख्य कारण यही है.
भ्रष्टाचार के कारण गरीब को न्याय से वंचित होना पड़ता है- डॉ. जगदीश प्रसाद
इस मौके पर गुरुवार को आम्रपाली कैफे में संवाददाताओं से बात करते हुए पद्मश्री डॉ.जगदीश प्रसाद ने कहा कि बिहार में पुलों व सड़कों का निर्माण भ्रष्टाचार की सीमेंट-छड़ से किया जा रहा है, जो बनते ही ध्वस्त हो जा रहा है. कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार परवान पर है. एक गरीब को न्याय पाने से इसलिए वंचित होना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है. किसी भी नागरिक का मुफ्त इलाज हो इसकी व्यवस्था होनी चाहिए. डॉ.जगदीश प्रसाद ने कहा कि मैनें 38 साल एक चिकित्सक एवं कुशल प्रशासक के रूप में देश के गरीबों ही नहीं मध्यम वर्गीय लोगों की बहुत सेवा की है. ह्रदय रोग से पीड़ित लाखों लोगों को जीवन दान दिया है. उनका नि:शुल्क इलाज किया है.
क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट से जिला अस्पताल भी पीएमसीएच के बराबर होगा – डॉ. जगदीश प्रसाद
डॉ.जगदीश प्रसाद ने कहा कि उन्होंने गरीबों के इलाज के लिए देश में पांच एम्स के साथ ही 20 कैंसर संस्थान बनवाया, जिसमें नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था है. टीबी के मरीज अधिकतर गरीब ही होते हैं और उनके लिए मुफ्त दवाओं के साथ-साथ प्रति माह खाने-पीने के लिए पांच सौ रुपये की भी व्यवस्था करवाई. अपने डीजी के कार्यकाल में 45 क्षेत्रीय कैंसर संस्थान बनवाया. पूरे देश में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लागू करवाया, जिससे निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके. इस कानून को पूरी तरह लागू कर दिया जाय तो जिलों के सदर अस्पताल भी पीएमसीएच के टक्कर में आ जाएगा.
सीएजी की रिपोर्ट में बिहार की स्थिति खराब – डॉ.जगदीश प्रसाद
आज प्रेस कांफ्रेंस में डॉ.जगदीश प्रसाद ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट पर गौर करें तो बिहार के अस्पतालों में 85 प्रतिशत बेड की कमी, 60 प्रतिशत चिकित्सकों की कमी, 74 से 92 प्रतिशत तक पारा मेडिकल कर्मियों की कमी, अस्पतालों में 80 प्रतिशत दवाओं की कमी है. अस्पतालों में 9 से लेकर 84 प्रतिशत नर्सों की कमी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार में शिक्षा-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. आबादी के अनुपात में स्कूलों की संख्या तो कम है ही स्कूलों में पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है. शिक्षकों के कांट्रैक्ट की व्यवस्था को हटाकर नियमित योग्य शिक्षकों की बहाली की व्यवस्था होनी चाहिए. समाज के गरीब तबकों के बच्चों के लिए हर गांव में प्राथमिक विद्यालय, हर पंचायत में उच्च विद्यालय के साथ ही हर प्रखंड में सिमुलतला व नवोदय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय बनाना होगा, जहां कलक्टर भी अपने बच्चों की शिक्षा दिलवाने को बाध्य हो जाएं. राज्य में इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों के साथ ही तकनीकी महाविद्यालयों का जाल बिछाना होगा, जिससे बिहार से बाहर पढ़ने के लिए जाने वाले बच्चों को बिहार में ही तकनीकी शिक्षा मिलेगी और हर साल हजारों करोड़ रुपये राज्य से बाहर जाने से रोका जा सकेगा, ताकि राज्य का विकास हो सके.
पटना : उमेश नारायण मिश्रा