Bihar News : बिहार के किसानों को लौटाना होगा किसान सम्मान योजना का पैसा, जानिए कहीं आप भी तो इसमें शामिल नहीं

Pradhanmantri Kisan Samman : बिहार में कुल 81595 किसानों को वर्ष 2020 से लिए गए किसान सम्मान निधि योजना का पैसा केन्द्र सरकार को लौटाना होगा. अब तक बिहार में अयोग्य पाए गए लोगों से 10.31 करोड़ रू की रिकवरी की जा चुकी है और लगभग 81.59 करोड़ रुपये वापस लिए जाने हैं.

Pradhanmantri Kisan Samman Nidhi Yojana: बिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का दुरूपयोग किये जाने का मामला सामने आने के बाद अब पैसों की रकवरी की जा रही है. इसके तहत न केवल पैसों की वापसी कराई जाएगी, बल्कि बैंकों को अयोग्य किसानों के खाते से लेन-देन पर रोक लगाने को भी कहा गया है. बिहार में लगभग 81.59 करोड़ रुपये वापस लिए जाने हैं. बिहार सरकार ने सरकारी बैंकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अयोग्य किसानों से पैसा वापस लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है. बिहार सरकार के निदेशक (कृषि) आलोक रंजन घोष के अनुसार राज्य में कुल 81595 किसानों को वर्ष 2020 से अयोग्य लाभार्थियों के रूप में पहचान की गई है. अब राज्य कृषि विभाग ने सभी संबंधित बैंकों से अयोग्य किसानों से धनराशि वापस लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है.

कुछ अयोग्य किसानों से वसूला गया पैसा

बिहार में 81.59 करोड़ रुपये वापस लिए जाने हैं. इसमें अब तक कुछ बैंकों ने अब तक अयोग्य लाभार्थी किसानों से 10.31 करोड़ रुपये वापस ले लिए हैं. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण ने भी अयोग्य लाभार्थी किसानों से कुछ राशि वापस ले ली है. बताया गया कि इस योजना के जिन लाभार्थियों को सरकार ने आयकर का भुगतान करने या अन्य कारणों से अयोग्य पाया है, उन्हें अब तक प्राप्त राशि सरकार को वापस करनी होगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने देश के छोटे और सीमांत किसानों को न्यूनतम आय सहायता देने के लिए किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की थी, लेकिन योजना के तहत हजारों अपात्र किसानों को भी राशि बांट दी गई.

क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ?

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय योजना है, जो भारत सरकार से शत-प्रतिशत वित्त पोषित है. इस योजना के तहत एक दिसंबर, 2018 से सभी भूमि धारक किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष तीन समान किस्तों में आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं. इसमें राज्य सरकारें उन किसान परिवारों की पहचान करती हैं जो योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार सहायता के लिए पात्र हैं और धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है. अब इस योजना में लाभार्थियों की पहचान में अनियमितता पाये जाने अथवा अपात्र लोगों द्वारा पैसा लिये जाने का मामला सामने आने के बाद जांच करवाई गई और अयोग्य लोगों से पैसे की वापसी करवाई जा रही है.

पटना : उमेश नारायण मिश्रा

Jetline

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