बिहार में लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद ब्यूरोकेट्स के खिलाफ नीतीश सरकार करवाई करेगी. सरकार के आदेश के बावजूद बिहार के 39 वरीय अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा घोषित नहीं किया है. इन्हीं के खिलाफ करवाई होनी है. इसमें करीब 36 सीनियर आईएएस और तीन आईपीएस अफसर शामिल हैं, जिनके खिलाफ अब करवाई होगी. संपत्ति का ब्योरा नहीं मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इन्हें अल्टीमेटम जारी किया है. इन्हें संपत्ति की जानकारी 15 फरवरी तक ही देनी थी, लेकिन अभी तक ब्योरा नहीं दिया है.
नियम के मुताबिक संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं करने की स्थिति में उनके वेतन से कटौती समेत प्रशासनिक कार्रवाई करने का नियम है. बिहार के जिन वरीय आईपीएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा अब तक नहीं दिया है, उनमें बिहार के 36 आईएएस और तीन IPS शामिल हैं. अब सरकार इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. इन लोगों से सरकार ने संपत्ति का ब्योरा नहीं देने का कारण पूछा है. सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सिद्धेश्वर चौधर ने इन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि वे अब तक संपत्ति का ब्योरा न देने का कारण बताते हुए यथाशीघ्र जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को भेजें, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
जानिए संपत्ति ब्योरा नहीं देने वाले अधिकारियों के नाम
सीनियर आईएएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव सुनील बर्थवाल, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की सचिव सुजाता चतुर्वेदी, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, राज्यसभा सचिवालय के सचिव राजित पुनहानी, औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव अरुनीश चावला, पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष राहुल सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव जितेंद्रतें श्रीवास्तव, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े, नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव असंगबा चुबा आओ, औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव पलका साहनी, पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर लक्षमणन, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय यादव, उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव बालामुरुगन डी, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग कार्मिक लोक शिकायत मंत्रालय के निदेशक अश्विनी दत्तात्रेय ठकरे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष आदेश तितरमारे, राजस्व विभाग वित्त मंत्रालय के निदेशक मनोज कुमार सिंह, पटना नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर शामिल हैं.
इनके अलावा, कटिहार के बंदोबस्त पदाधिकारी नरेश झा, लखीसराय डीएम रजनीकांत, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा, सहरसा के बंदोबस्त पदाधिकारी विश्वनाथ चौधरी, नगालैंडलैं संवर्ग में सेवारत डॉ. जितेंद्रतें गुप्ता, खगड़िया बंदोबस्त पदाधिकारी अरुण कुमार झा, पंचायती राज विभाग के उपनिदेशक डॉ. विद्यानंद सिंह, बेगूसराय के नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार सिंह, जमुई के बंदोबस्त पदाधिकारी पवन सिन्हा, नवादा बंदोबस्त पदाधिकारी मनोज कुमार, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक श्याम बिहारी मीणा, राज्य निर्वाचन आयोग के ओएसडी संजय कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त विशाल राज, एड्स नियंत्रण सोसायटी के परियोजना निदेशक अनिल कुमार व महुआ अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रिमा अत्री के अलावा सामाजिक वानिकी के निदेशक सीपी खंडूजा, बिहार खेल प्राधिकरण के निदेशक पंकज कुमार राज व बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी विकास वैभव ने भी संपत्ति का ब्योरा नहीं सौंपा है.