पटना : बिहार विधान सभा चुनाव 2025 को जितने के मकसद से इस प्रदेश के दो बड़े नेता इन दिनों जिलों में अपनी यात्रा पर है. सीएम नीतीश की प्रगति यात्रा तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने संवाद यात्रा पर हैं.
नीतीश कुमार जब भी चुनाव का मौसम आता है तो यात्रा पर निकल जाते हैं. इस दफे भी उनकी यात्रा जारी है. आज सिवान में यात्रा कर रहे हैं. वोटरों के मिजाज को टटोल रहे हैं. नीतीश कुमार की अब तक की यात्राओं से इस बार की यात्रा हट कर है, क्योंकि इस बार यात्रा के बाद जो समीक्षा बैठक होती है, उसमें उस जिला के लिए बड़ी घोषणा होती है, जो अभी तक नहीं होता था. अबकी बार यात्रा के बाद जो फीड बैक मिलेगा उसके आधार पर बिहार के लोगों के लिए खासकर महिलाओं और युवाओ के लिए कुछ बड़ी घोषणा नीतीश कुमार करने वाले हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का दूसरा चरण 4 जनवरी 2025 से शुरू हुआ है. मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वैशाली के बाद अब यात्रा का पड़ाव सिवान होगा. इस चरण में मुख्यमंत्री छह जिलों का दौरा करेंगे और विकास योजनाओं का जायजा लेंगे. प्रगति यात्रा’ का पहला चरण सोमवार 23 दिसंबर को चंपारण से प्रारंभ हुआ था. नीतीश कुमार की यात्रा का मकसद विधान सभा चुनाव में वोटरों को अपनी ओर खींचने की है. भले ही नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं, लेकिन वे जानते हैं कि अगर विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी जदयू को बीजेपी से कम सीटें मिली तो इस दफे मुख्यमंत्री बने रहना मुश्किल हो सकता है. महाराष्ट्र का परिणाम इसका संकेत है.
तेजस्वी यादव की संवाद यात्रा
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी संवाद यात्रा आभार यात्रा समस्तीपुर से शुरू की. वे राज्य भर में घूमकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे. आज 7 जनवरी को कैमूर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की संवाद यात्रा रहेगी. वे राज्य भर में घूमकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘आभार यात्रा’ के बारे में बताया कि इस यात्रा का मकसद कार्यकर्ताओं से मिलना और उनसे सीधा संवाद स्थापित करना है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की ‘रीढ़ की हड्डी’ होता है. उनसे सीधा संवाद स्थापित होना बेहद जरूरी है. तेजस्वी ने विश्वास जताया कि इस यात्रा से संगठन और मजबूत होगा. तेजस्वी यादव अपनी संवाद यात्रा इसलिए कर रहे हैं ताकि विधान सभा चुनाव के पहले वे वोटरों से सीधा संवाद कर सके. बिहार में बीजेपी को रोकने के लिए तेजस्वी यादव इस बार चुनाव में मजबूती से लड़ने के मूड में हैं. अभी पिक्चर क्लियर नहीं है कि क्या महागठबंधन का स्वरुप होगा? इस दफे महागठबंधन में कौन दल रहेंगे? किसको कितना सीट मिलेगा? तेजस्वी यादव मुस्लिम-यादव समीकरण से इतर A to Z समीकरण पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.
