बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त के प्रस्ताव को हाईकमान ने खारिज किया, अभी नहीं होगा नयी कमिटी का एलान

बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास

दिल्ली : विशेष संवाददाता

बिहार कांग्रेस में बदलाव के लिए प्रभारी भक्त चरण दास के प्रस्ताव को लेकर मचे भारी बवाल के मद्देनजर पार्टी हाईकमान ने संगठन में फेरबदल की घोषणा को फिलहाल रोक दिया है. प्रदेश के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास के बदलाव के प्रस्ताव पर गंभीर सवाल उठाते हुए हाईकमान से शिकायत की थी. इन नेताओं ने आलाकमान को यह संदेश भी दे दिया है कि बिहार के बारे में कुछ नहीं जानने वाले भक्त चरण दास की सिफारिशों के अनुरूप संगठन में बदलाव किया गया तो सूबे में कांग्रेस की बची-खुची सियासत भी डूब जाएगी. वरिष्ठ नेताओं के गंभीर एतराज को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व ने बिहार कांग्रेस की प्रस्तावित नई जंबो टीम की घोषणा फिलहाल टाल दी है.

बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को हटाया जा सकता है

दास ने दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मामूली से विधायक राजेश राम को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया था. इसके साथ ही आठ कार्यकारी अध्यक्ष, 12 उपाध्यक्ष तथा 25 महासचिव वाली जंबो समिति का लिस्ट कांग्रेस अध्यक्ष को हरी झंडी के लिए भेज दिया था. कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि ओडिशा से आने वाले भक्त चरण, बिहार में कांग्रेस पार्टी को जातीय गुटों में तोड़कर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. इसी कड़ी में बिहार में पूर्व समाजवादी नेताओं के साथ गुफ्तगू करके सवर्ण जाति के नेताओं को हाशिये पर लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. भक्त के इस रणनीति से सवर्ण जाति में भारी आक्रोश दिख रहा है. राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के निर्देश के बाद अब ये तय है कि बिहार प्रभारी भक्त चरण को हटाया जा सकता है.

संगठन में बदलाव के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है

बिहार के वरिष्ठ नेताओं अखिलेश सिंह, अनिल शर्मा, विजय शंकर दुबे, किशोर कुमार झा समेत कई अन्य नेताओं ने हाईकमान से मिलकर या लिखित रूप से प्रभारी के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए इस पर अपना एतराज जाहिर किया है. बिहार कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि यह सच है कि प्रभारी ने फेरबदल का जो प्रस्ताव दिया है, वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सूबे के वरिष्ठ नेताओं से हुई बातचीत के अनुरूप नहीं है. बिहार में पंचायत व जिला परिषद चुनाव की घोषणा हो चुकी है और संगठन में बदलाव के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है.

कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि संगठन को मजबूत बनाने के बजाय प्रवासी प्रभारी भक्त चरण दास बिहार कांग्रेस को अपनी जेब में रखना चाहते हैं, इसलिए संगठन की जंबो लिस्ट में प्रभारी ने कई ऐसे लोगों को शामिल किया जो आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण बदनाम रहे हैं. कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अनौपचारिक बातचीत में उनकी बातों से सहमति जताते हुए साफ कहा कि प्रभारी की मनमानी नहीं रोकी गई तो सूबे में पार्टी का बंटाधार तय है.

Jetline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *