न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अंतिम तीन चरणों में भी प्रचार को 72 घंटे पहले खत्म करने पर चुनाव आयोग विचार करेगा. 17 अप्रैल को होनेवाले पांचवे चरण के मतदान की समीक्षा करने के बाद चुनाव आयोग फैसला करेगा. कूचबिहार की घटना के बाद पांचवे चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने प्रचार को 48 घंटे की जगह 72 घण्टे पहले खत्म कर दिया है.
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक बंगाल चुनाव में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और भडकाऊ बयान व कूचबिहार की घटना के बाद माहौल खराब होने की आशंका के मद्देनजर चुनाव आयोग प्रचार को पहले खत्म करने का फैसला ले सकता है. बंगाल में छठे चरण का मतदान 22 अप्रैल को, सातवें चरण का मतदान 26 अप्रैल को और आठवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को है.
सामान्यतः मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार खत्म होता है
आमतौर पर चुनाव प्रचार मतदान खत्म होने के समय से 48 घंटे पहले खत्म होता है. कूचबिहार की घटना के बाद चुनाव आयोग ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पांचवें चरण के मतदान के प्रचार को 72 घंटे पहले खत्म करने का फैसला किया. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक पांचवे चरण के मतदान में स्थिति का आकलन करने के बाद छठे, सातवें और आठवें चरण को लेकर चुनाव आयोग फैसला करेगा.
चौथे चरण के चुनाव में कूचबिहार की घटना में चार लोग मारे गए थे
आपको बता दें कि कूचबिहार जिले के सीतलकूची में चुनाव के चौथे चरण के दौरान सीआईएसएफ की ओर से की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने सीआईएसएफ को क्लीन चिट दे दी है. आयोग ने कहा कि मतदाताओं की जान बचाने के लिए गोली चलाना जरूरी हो गया था. साथ ही आयोग ने इसे आत्मरक्षा में उठाया गया कदम भी बताया. इस घटना को लेकर चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया. आज विरोध में ममता कोलकाता में धरना पर बैठी. अब ममता बनर्जी कल 14 अप्रैल को कूचबिहार में घटनास्थल का दौरा करेंगी और पीड़ित परिवार से मिलेंगी. ममता बनर्जी ने कूचबिहार जिले में सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में फायरिंग के लिए सीआईएसफ को दोषी ठहराया है. ममता ने इसे नरसंहार बताया है.