डॉ. निशा सिंह :
बिहार के विश्वविद्यालयों के अनुदान और वेतन पर रोक लग सकती है. बिहार के विश्वविद्यालय 2500 करोड़ रूपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे पाए हैं. ये प्रमाण पत्र वेतन से लेकर दूसरे तमाम अनुदानों से संबंधित हैं. शिक्षा विभाग ने इसको लेकर संबंधित विश्वविद्यालयों को चेतावनी जारी कर दी है. केवल तीन नये विश्वविद्यालयों पाटलिपुत्र, पूर्णिया और मुंगेर विश्वविद्यालय ने यह प्रमाणपत्र दिया है.
शिक्षा विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देनेवाले विश्वविद्यालयों पर कसेगा शिकंजा
अब शिक्षा विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देनेवाले विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने जा रहा है. 2500 करोड़ (ढाई हजार करोड़) रुपये से अधिक के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने वाले इन विश्वविद्यालयों के अनुदान रोकने से लेकर लापरवाह अफसरों की सैलरी तक पर रोक लग सकती है. अब
इसके तहत शिक्षा विभाग के अफसर अगले सप्ताह से विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन की छानबीन करेगा. इसके बाद भी अगर विश्वविद्यालयों ने राशि के उपयोग की जानकारी नहीं दी, तो शिक्षा विभाग अनुदान रोकने से लेकर लापरवाह अफसरों की सैलरी तक रोक सकता है.
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार से मांगे बिहार के छह हजार करोड़
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से नयी दिल्ली में मुलाकात की और शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं में बिहार की हिस्सेदारी की मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्रांश की राशि न मिलने की वजह से बिहार की शिक्षा प्रभावित हो रही है. बिहार की की राशि जल्द दी जाये और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जल्दी ही जरूरी राशि जारी करने का आश्वासन भी दिया है.