लखीमपुर घटना सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सामने आए गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा, कहा – ‘मैं नहीं था मौजूद’

Ashish Misra denied being on the Lakhimpu Kheri violence site

वरिष्ठ संवाददाता :

लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. घटना की समयबद्ध जांच सीबीआई जैसी एजेंसी से कराए जाने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई है. दूसरी ओर केंद्रीय ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा इस घटना के बाद सामने आए और कहा कि मैं घटना के समय वहां नहीं था. विपक्ष और किसान मिलकर मुझे खलनायक बना रहे हैं.

इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा दिल्ली आज गृह मंत्री अमित शाह मिलेंगे और घटना की पूरी जानकारी देंगे. लखीमपुर खीरी में हुई घटना में अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद अजय मिश्रा की इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं. अब अजय मिश्रा गृह मंत्री के सामने अपना पक्ष रखेंगे.


मुझे कानून पर भरोसा है – आशीष मिश्रा

आशीष मिश्रा ने कहा कि भले ही मेरे खिलाफ साजिश रची गई है, लेकिन मुझे कानून पर भरोसा है. घटना की न्यायिक जांच हो रही है और साजिशकर्ता सामने आकर रहेंगे. विपक्ष मेरे खिलाफ साजिश कर रहा है और राकेश टिकैत जैसे लोग मामले को बढ़ा रहे हैं. तलवार लेकर दौड़ा दौड़ा कर लोगों की हत्या करने वाले किसान नहीं हो सकते हैं. इसके पीछे की साजिश की जांच हो रही है, सब कुछ सामने आएगा.

साजिशकर्ता बच नहीं पाएंगे – आशीष मिश्रा

आशीष मिश्रा ने कहा कि सभी मृतकों को पूरा मुआवजा मिले, इसकी मांग हमने भी सरकार से की है, इसमें हमारे कार्यकर्ता और ड्राइवर भी शामिल हैं, उन्हें भी मुआवजा मिलना चाहिए, क्योंकि किसान के नाम पर जमा हुए अराजक भीड़ ने पीट-पीट कर इन लोगों की हाथ कर दी थी. घटना के समय मैं वहां नहीं था, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं और ड्राइवर की हत्या की जांच होने पर सब कुछ साफ हो जाएगा और साजिश करनेवाले बच नहीं पाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लखीमपुर खीरी घटना का मामला

इधर लखीमपुर खीरी घटना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश के वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने इस घटना की जांच कोर्ट की निगरानी में करने के लिए याचिका दायर कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में शिव कुमार त्रिपाठी ने मांग की है कि जिस तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को टारगेट किया गया, उसमें कोर्ट को दखल देना चाहिए. कोर्ट को अपनी निगरानी में सीबीआई जांच करवानी चाहिए.

Jetline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *