डॉ. निशा सिंह
आज गाज़ियाबाद में एक किताब के लॉन्च पर संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम की एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग-अलग नहीं है, बल्कि एक हैं. उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है. उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता. मोहन भागवत ने कहा,
“वोट की राजनीति में हम नहीं पड़ते. राष्ट्र में क्या होना चाहिए, इस बारे में हमारे कुछ विचार हैं. अब एक ताकत बनी है तो वो ठीक हो जाए, इतनी ताकत हम चुनाव में भी लगाते हैं. हम राष्ट्रहित के पक्षधर हैं.”
जब पुस्तक मेरे पास आई तो देखने के बाद मैंने कह दिया इसका विमोचन मैं करूंगा. इस पुस्तक में एक प्रमाणिक आवाहन है, एकता का आवाहन है. हम समान पूर्वजों के वशंज हैं, अब ये विज्ञान से भी सिद्ध हो चुका है कि 40 हजार साल पूर्व से हम भारत के सब लोगों का डीएनए समान है. इस आधार के विचार पर आरूढ होकर जब विचार करते हैं तो अपने मन में अपना बनाते ही हैं, उस अपनेपन के आधार पर एकता होती है, संघ ऐसा मानता है. कुछ तथाकथित अल्पसंख्यक जो अपने ही देश के हमारे भाई हैं, उनके मन में ये डर भरा गया है कि संघ वाले तुमको खा जाएंगे, ये बिलकुल भ्रामक है.
भागवत ने कहा कि दुनिया कुछ भी समझे हम अपना काम करते चले जा रहे हैं, मेरे जैसे को पता है हम जो करेंगे, उससे सबका भला होगा, किसी का बुरा नहीं होगा, ये कोई इमेज बदलने का प्रयास नहीं है, न ही अगले लोकसभा चुनाव में मुसलमानों का वोट पाने का प्रयास है, वोट की पार्टी पॉलिटिक्स में हम नहीं पड़ते, हमारा विचार जरूर है, अब एक ताकत बनी है वो ठीक हो जाए, चुनाव में जो ठीक हो, वो हो जाए हम चुनाव में इसके लिए ताकत लगाते हैं. संघ जब छोटा था तो उसकी बात सुनी नहीं गई, आज संघ इतना बड़ा है, उसके शीर्ष पर मुझे रखा गया है, मैं कुछ बोलता हूं तो पूरी दुनिया सुनती है, ये विचार मेरा नहीं है ये विचार संघ की विचार धारा का अंग है, हम लोगों के इतिहास अलग होंगे पृष्ठ भूमि अलग होगी, लेकिन पूर्वज सबके समान है, स्वार्थ सबके अलग होंगे, लेकिन समाज एक है.
हम किसी के पक्षधर नहीं है हम राष्ट्र के पक्ष में हैं इसके खिलाफ जो भी जाएगा हम उसका विरोध करेंगे, जो राष्ट्र के साथ जाएगा हम उसके पक्ष में हैं, हम उसका समर्थन करेंगे. इसलिए ये कोई पॉलिकल एक्सरसाईज नहीं है हम पार्टी पॉलिटिक्स में नहीं पड़ते, पार्टी पॉलिटिक्स, वोट बैंक पॉलिटिक्स उसमें तय करके हम जा सकते हैं, लेकिन हम नहीं जाएंगे हमने पहले से तय किया हुआ है.
उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के खिलाफ है. संघ प्रमुख ने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं. एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए. हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता. केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है. अगर कोई हिंदू ये कहता है कि मुस्लिमों का यहां नहीं रहना चाहिए तो वो शख्स हिंदू नहीं है. संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ काम ऐसे हैं जो राजनीति नहीं कर सकती. राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती. राजनीति लोगों को एकजुट करने का हथियार नहीं बन सकती है, लेकिन एकता को बिगाड़ने का हथियार बन सकती है.
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