अप्रैल से हर कार में एयर बैग लगवाना अनिवार्य हुआ , नहीं लगवाया तो कटेगा भारी चालान

कार्यालय संवाददाता

अभी भारत सरकार सड़क हादसों में कमी लाने के लिए और सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रही है। सरकार ने आदेश दिया है कि में आगामी 1 अप्रैल से हर कार में एयर बैग लगाना जरूरी होगा
कारों में वैसे तो कई एयर बैग होते हैं जिनमें फ्रंट सीट एयर बैग्स और रियर पैसेंजर सीट एयर बैग शामिल हैं लेकिन इनमें अप्रैल महीने से सिर्फ फ्रंट सीट पैसेंजर्स के लिए एयरबैग को अनिवार्य किया गया है। ख़ास बात ये है कि आपकी कार में अगर फ्रंट सीट एयरबैग नहीं लगा होगा तो आपकी कार का भारी-भरकम चालान कट सकता है। दरअसल भारत में हर साल लाखों की संख्या में सड़क हादसे होते हैं जिनमें बहुत सारे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती हैं।

विश्वबैंक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दुनिया के एक फीसदी वाहन लेकिन सड़क दुर्घटना में मरने वालों की 11 फीसदी है। भारत में सालाना करीब साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारतीय कार चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाया गया है जो एक्सीडेंट के दौरानआगे की सीट पैसेंजर्स की जान बचाएगा। आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि कारों में ड्राइवर सीट के लिए तो एयरबैग तो होता है लेकिन फ्रंट सीट पैसेंजर्स के लिए कई कारों में एयरबैग ऑफर नहीं किया जाता है जिससे एक्सीडेंट होने पर फ्रंट सीट पैसेंजर को गम्भीर चोट आ सकती है।
अगर कार पुरानी है और उसमें फ्रंट सीट एयरबैग नहीं दिया गया है तो इसके लिए सरकार ने 31 अगस्त तक का समय दिया है। ऐसे में इस डेडलाइन से पहले ही कार में एयरबैग लगवाना पड़ेगा। अगर आपने नई कार खरीदी है तो इसके लिए आपको 1 अप्रैल 2021 से पहले ही एयरबैग लगवाना पड़ेगा। अगर आपकी कार में चेकिंग के दौरान फ्रंट सीट एयरबैग नहीं पाया जाता है तो कार पर भारी-भरकम चालान किया जायेगा।
कोई भी कार जब एक्सीडेंट का शिकार होती है तो कार की फ्रंट सीट पर सबसे ज्यादा असर होता है। एक्सीडेंट की वजह से लगने वाला शॉक इतना तेज होता है कि फ्रंट सीट पर बैठे हुए व्यक्ति का सिर सीधा डैशबोर्ड से टकराता है। ऐसे में अगर एयरबैग ना लगा हो तब डैश बोर्ड से सिर टकराने की वजह से गंभीर चोट लग सकती है। इसी वजह से अगली सीट्स के लिए एयर बैग जरूरी किया गया है। एयरबैग एक्सीडेंट के इम्पैक्ट को काफी हद तक कम कर देता है और गम्भीर चोट लगने से बचाता है।

विश्वबैंक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दुनिया के एक फीसदी वाहन लेकिन सड़क दुर्घटना में मरने वालों की 11 फीसदी है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और हर चार मिनट में एक मौत होती है.” रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में भारतीय सड़कों पर 13 लाख लोगों की मौत हुई है और इनके अलावा 50 लाख लोग घायल हुए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं के चलते 5.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 प्रतिशत के बराबर नुकसान होता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा हाल ही में किये गये एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं से 1,47,114 करोड़ रुपये की सामाजिक व आर्थिक क्षति होती है, जो जीडीपी के 0.77 प्रतिशत के बराबर है। मंत्रालय के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं का शिकार लोगों में 76.2 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनकी उमग्र 18 से 45 साल के बीच है। यानी ये लोग कामकाजी आयु वर्ग के हैं। वैश्विक स्तर पर सड़क दुर्घटनाएं लोगों की मौत का आठवां सबसे बड़ा कारण है। विश्वबैंक की रिपोर्ट के अनुसार, कम आय वाले देशों में सड़क दुर्घटनाओं की दर अधिक आय वाले देशों की तुलना में तीन गुना अधिक है।

Jetline

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