न्यूज डेस्क
दिल्ली में प्रदूषण की वजह से हवा में जहर भरना शुरू हो गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि धुंध और प्रदूषण के साथ मिलकर कोरोना वायरस और भी खतरनाक हो सकता है. हालात ये हैं कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली एनसीआर में 15 अक्टूबर से प्रदूषण की इमरजेंसी लागू कर दी है. इसे GRAP यानि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का नाम दिया गया है.
GRAP लागू होने के पहले दिन ही दिल्ली के विवेक विहार इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 370 दर्ज हुआ जो बेहद खराब स्थिति है. वहीं, आईटीओ पर 285, आरके पुरम में 243, आनंद विहार में 259 AQI दर्ज किया गया. एक्शन प्लान के तहत एनसीआर में डीजल जेनरेटर पर पाबंदी लगा दी गई है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण के उच्च स्तर में पराली का योगदान केवल 4 फीसदी का है तो पलटवार में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूछा है कि अगर पराली से सिर्फ 4 फीसदी प्रदूषण बढ़ा है तो पिछले एक पखवाड़े में प्रदूषण का स्तर अचानक कैसे बढ़ गया, जबकि प्रदूषण की स्थानीय वजहों में तो कोई बड़ा बदलाव नहीं आया और हर साल फसलों के इन्हीं खास दिनों में अचानक से प्रदूषण क्यों बढ़ जाता है.
केजरीवाल ने प्रकाश जावेडकर से अपील की है कि राजनीति को छोड़कर देश की राजधानी के लोगों की सेहत के बारे में सोचें. राज्य सरकार तो अपने तरीके से हर संभव कोशिश कर रही है, केंद्र सरकार अगर सहयोग नहीं करेगी तो कम से कम भ्रमित करने वाले आंकड़े तो नहीं बताए.