न्यूज डेस्क
किसानों से जुड़े तीनों बिल लोकसभा में पास हो गए हैं. इसे आज राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पेश किया. इसी बीच राजनाथ सिंह ने शिवसेना-एनसीपी नेताओं से बात की और बिल पर समर्थन माँगा. किसान संगठन इसके खिलाफ सड़कों पर हैं. विपक्षी दल भी इन तीनों बिल का विरोध कर रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है.
विधेयकों के विरोध में एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं. सरकार का कहना था कि कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक किसानों को उनकी उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था (APMC सहित) को बेचने की इजाजत देता है. अब यह सचमुच वन नेशन, वन मार्केट होगा. किसान अपना प्रोडक्ट खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकते हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.
मगर किसान इसमें अपना नुकसान देख रहे हैं. किसानों को सबसे बड़ा डर मंडी एक्ट के प्रभाव को सीमित करने वाले विधेयक कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) को लेकर है. इसके जरिए राज्यों के मंडी एक्ट को केवल मंडी परिसर तक ही सीमित कर दिया गया है. यानी अब कहीं पर भी फसलों की खरीद-बिक्री की जा सकेगी. बस फर्क इतना होगा कि मंडी में खरीद-बिक्री पर मंडी शुल्क लगेगा, जबकि बाहर शुल्क से छूट होगी.