डॉ. निशा सिंह
बिहार में इंजीनियर नीतीश कुमार के बाद अब विधान सभा अध्यक्ष भी इंजीनियर ही बने हैं. इंजीनियर विजय सिन्हा बिहार विधान सभा की दिशा और दशा को तय करेंगे यानि अब इंजीनियरों के हाथों में बिहार की कमान है. हालांकि विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बिहार विधानसभा को नया अध्यक्ष मिल गया है. एनडीए उम्मीदवार के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिए गए हैं. उनके सामने महागठबंधन ने आरजेडी विधायक अवध बिहारी सिंह को उतारा था. विजय सिन्हा के पक्ष में 126 वोट पड़े.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी तक जाने वाले विजय सिन्हा पहले बीजेपी विधायक हैं. इस बार पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन कर पूरे राज्य की सियासत के समीकरण को बदल दिया है. विजय सिन्हा लखीसराय सीट से बीजेपी के विधायक हैं. लखीसराय सीट पर ये लगातार उनकी तीसरी जीत जीत है. 2015 में जब आरजेडी और जेडीयू गठबंधन में भी विजय सिन्हा का दबदबा लखीसराय में कायम रहा और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की. विजय सिन्हा का जन्म 5 जून, 1967 को हुआ था. बेगूसराय के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज से 1989 में सिविल इंजीनियरिंग से उन्होंने डिप्लोमा किया था.
पिछली नीतीश कुमार सरकार में विजय सिन्हा श्रम संसाधन मंत्री रहे हैं और भूमिहार जाति से आते हैं. साफ है कि उनको विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी मिलने को सामाजिक समीकरण को संतुलित करता है. राज्य में प्रवक्ता के साथ ही संगठन में भी विजय सिन्हा कई स्तर पर काम कर चुके हैं.
इस बार के चुनावों में बीजेपी ने चुनावी नतीजों में सबको चौंकाते हुए जेडीयू से काफी ज्यादा सीटें हासिल की हैं और सरकार में भी दबदबा बनाए रखा है. गठबंधन के वादे के मुताबिक, सीएम पद जरूर नीतीश कुमार को दिया गया है, लेकिन बीजेपी ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को अपने खाते से डिप्टी सीएम बनवाकर सबको संदेश दे दिया है. सुशील मोदी की जगह नए चेहरों को इस बार तरजीह दी गई है. विधानसभा स्पीकर के पद पर भी ऐसा ही देखने को मिला है. हालांकि नंद किशोर यादव जैसे दिग्गज नेता इस पद की रेस में माने जा रहे थे, लेकिन अंत में विजय सिन्हा के नाम पर मुहर लगी और विजय सिन्हा बीजेपी के पहले बिहार विधानसभा अध्यक्ष बन गये हैं.