मध्य प्रदेश की सरकार अब धार्मिक क्षेत्रों में शराबबंदी की तैयारी कर रही है. बिहार-यूपी के बाद अब मध्य प्रदेश में शराबबंदी लागू हो सकती है. सीएम मोहन यादव ने घोषणा करते हुए कहा कि धार्मिक शहरों में इस नियम को लाया जाएगा.
धार्मिक जगहों पर शराबबंदी करने का फैसला लागू करने पर विचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि संतों की मांग के बाद शराबबंदी पर काम तेजी से हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस पर काम शुरू हो गया है और शराब नीति में बदलाव किया जाएगा, क्योंकि बजट सत्र भी नजदीक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां धार्मिक स्थल हैं, वहां शराबबंदी करने का फैसला लागू करने पर विचार हो रहा है. जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाया जाएगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार शराबबंदी को लेकर काफी गंभीर है. जहां भी धार्मिक स्थल हैं वहां इसे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केवल धार्मिक क्षेत्रों और मंदिर क्षेत्रों के बाहर वाले शहरों में ही शराब बेची जा सकेगी. मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2028 को लेकर कहा कि इस बार साधु-संतों को केवल क्षिप्रा नदी के पवित्र जल से ही स्नान कराया जाएगा.
आपको बता दें कि बिहार में नीतीश सरकार ने 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू कानून लागू किया था, जो अब भी जारी है. बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दो बार आसीन हुए दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर का प्रभाव आज भी बिहार की सियासी फिजा में देखा जा सकता है. आरक्षण के समर्थक, शराब पर प्रतिबंध लगाने वाले राजनेता और अपनी सादगी के लिए मशहूर रहे कर्पूरी ठाकुर की गूंज समकालीन राजनीति में धरोहर की तरह है. कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में पहली बार 1977 में शराबबंदी की थी. हालांकि इन्हीं मुद्दों पर इनकी सरकार भी चली गयी थी.
