अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा

Taliban Controls Afghanistan President Ashraf Ghani Leaves Country

न्यूज डेस्क

अफगानिस्तान पर तालिबानी आतंकियों ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. काबुल पहुंचकर राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने के बाद तालिबानियों अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया. इसके बाद अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया है और तजाकिस्तान चले गए हैं. टोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. बता दें कि गनी के देश छोड़ने से पहले तालिबानी आतंकियों का एक दल राष्ट्रपति भवन सत्ता के हस्तांतरण के लिए पहुंचा था. खबर है कि रविवार को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली को चुना गया है. तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए अफगान प्रेसिडेंशियल पैलेस एआरजी में बातचीत चल रही है.

बता दें कि तालिबान आतंकियों के राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश करते ही अनिश्चितता की स्थिति से घबराए निवाासियों के साथ ही सरकारी कर्मचारी कार्यालयों से भागने लगे और अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर उतरने लगे. हालांकि तालिबानियों ने कहा कि वे सत्ता के ‘शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं और ताकत के बल पर इसे नियंत्रण में नहीं लेंगे’.

अफगानिस्तान से भागने की तैयारी में हैं लोग

तालिबानियों के काबुल में घुसते ही घबराए लोग काबुल हवाईअड्डे के जरिए देश छोड़ने की तैयारी में लग गए हैं. तालिबान के हर सीमा चौकी पर कब्जा होने के कारण देश से बाहर जाने का यही एक रास्ता बचा है. चरमपंथियों के जलालाबाद पर कब्जा जमाने के कुछ घंटों बाद बोइंग सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर दूतावास के समीप उतरने लगे. हालांकि तालिबानी आतंकियों ने राजधानी (काबुल) के निवासियों को शांत करने की कोशिश की और कहा कि “किसी के भी जीवन, संपत्ति और प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा अैर काबुल के नागरिकों की जान खतरे में नहीं डाली जाएगी.”

अमेरिका भी अपने अधिकारियों को निकालने में जुटा

अमेरिका काबुल स्थित दूतावास से अपने अधिकारियों को निकाल रहा है. दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे, साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई. अमेरिकी दूतावास की छत के पास धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना हो सकता है. बता दें कि अमेरिका ने कुछ दिन पहले ही अपने दूतावास से कर्मचारियों को निकालने में मदद के लिए हजारों सैनिकों को भेजा था. एक पायलट ने कहा कि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अफगान बलों ने पश्चिमी सेनाओं को छोड़ दिया है.

अफगानिस्तान में अमेरिका को 20 खरब डॉलर और 2800 सैनिकों की जान गंवानी पड़ी

अफगानिस्तान में अमेरिका को 20 खरब डॉलर खर्च करने और लगभग 2800 सैनिकों की जान गंवाने के बाद वापस लौटना पड़ा, क्योंकि लगातार हो रहे खर्च और सेना में निराशा को देखते हुए अमेरिकी रणनीतिकारों को यह कदम उठाना पड़ा. बता दें कि 20 साल पहले इसी 11 सितंबर को 9/11 की वह भयावह घटना घटी थी, जिसमें हज़ारों मासूमों को अफ़ग़ानिस्तान में बैठे आतंकियों ने अपना शिकार बनाया था. न्यूयॉर्क के ट्विन टॉवर्स और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन पर हुए हमलों के अलावा पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविले के एक खेत में विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

Jetline

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