RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने डबल मर्डर के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. इससे पहले निचली अदालत ने प्रभुनाथ सिंह को रिहा कर दिया था, जिसे पटना हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को बीते 18 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट ने मर्डर केस में दोषी करार देते हुए, एक सितंबर को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश संजय किशन कौल, न्यायाधीश एएस ओक और न्यायाधीश विक्रम नाथ की बेंच ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए प्रभुनाथ सिंह को सजा सुनाई. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आरोपी प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत है, जबकि केस के बाकी आरोपियों के रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना. बता दें कि फिलहाल प्रभुनाथ सिंह हजारीबाग जेल में मसरख के विधायकत अशोक सिंह की हत्या केस में सजा काट रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को प्रभुनाथ सिंह की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा था.
ये है पूरा मामला
वर्तमान में RJD नेता प्रभुनाथ सिंह पर 1995 के चुनाव में मसरख के एक मतदान केन्द्र के पास दो लोगों के हत्या का आरोप था. 47 वर्षीय दारोगा राय तथा 18 वर्षीय राजेन्द्र राय ने प्रभुनाथ सिंह द्वारा समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं दिया था, इसलिए उन्होंने दोनों की हत्या कर दी थी, लेकिन निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में प्रभुनाथ सिंह को रिहा कर दिया था. 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया, लेकिन मृतकों के भाईयों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
कौन हैं प्रभुनाथ सिंह ?
प्रभुनाथ सिंह बिहार के बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं. वे 4 बार सांसद तथा 2 विधायक रह चुके हैं. प्रभुनाथ सिंह बिहार के महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जदयू और एक बार आरजेडी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं. राजनीतिक करियर के साथ ही उनपर अपराध के आरोपों की भी संख्या लगातार बढ़ती रही है. 1995 के चुनावों में पोलिंग बूथ पर दो लोगों की हत्या, विधायक अशोक सिंह की हत्या के साथ ही 1980 में मशरक के विधायक रामदेव सिंह काका की हत्या करने का आरोप प्रभुनाथ सिंह पर लगा, जिसमें आरोप सिद्ध होने पर वे सजा काट रहे थे.
दिल्ली : डॉ. निशा सिंह