पटना : उमेश नारायण मिश्रा
बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी के के पाठक का विभागीय बैठक के दौरान बिहार के लोगों और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का एक वीडियो वायरल हो रहा है. उसमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव सह बिपार्ड के डीजी के के पाठक ने विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बिहार के लोगों के बारे में काफी अपमानजनक बातें कहीं है, जिसके बाद बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने के के पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने केके पाठक को बर्खास्त करने की मांग की है. आईएएस के के पाठक की छवि एक कड़क मिजाज की है. बिहार आबकारी के प्रधान सचिव के के पाठक के अपने जूनियर अधिकारियों को गाली देते कैमरे में कैद होने की घटना पर राज्य के आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि मैंने वीडियो के बारे में सुना है. मैं इस पर गौर करूंगा और जो भी आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी वह की जाएगी.
सोशल मीडिया में इसका वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी केके पाठक बिहार के लोगों और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को गाली दे रहे हैं. के के पाठक ने विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बिहार के लोगों के बारे में काफी अपमान जनक बातें बोल रहे हैं और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को गालियां दे रहे हैं. इधर बिहार फ्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारी में नाराजगी है. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) महासचिव सुनिल तिवारी ने कहा कि केके पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिये पटना सचिवालय थाने में लिखित शिकायत दिया है.
करीब दो महीना पूर्व में गया जिले में बिपार्ड की तरफ से प्रोबेशनर डिप्टी कलेक्टर की मिलिट्री जैसी हार्ड ट्रेनिंग के खिलाफ बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ‘बासा’ की तरफ से बिपार्ड के डीजी और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव के के पाठक के खिलाफ मुख्य सचिव को शिकायत की गयी थी. इसको लेकर के के पाठक काफी नाराज चल रहे थे. संघ के प्रतिनिधिमंडल ने काफी हार्ड ट्रेनिंग की वजह से अधिकारियों के बीमार पड़ने की वजह से ट्रेनिंग में बदलाव की मांग की थी. 14 नवंबर को गया से ही फील्ड ट्रेनिंग में मसूरी भेजे गए एक डिप्टी कलेक्टर विवेक कुमार की देहरादून में मौत हो जाने के बाद अधिकारियों ने हार्ड ट्रेनिंग की वजह से कई लोगों के बीमार पड़ जाने को लेकर डीजी के फैसले का विरोध भी किया था. इसी वजह से केके पाठक डिप्टी कलेक्टेर्स से काफी नाराज चल रहे थे और नाराजगी भी इतनी कि कुछ दिन पहले एक विभागीय मीटिंग के दौरान उन्होंने न सिर्फ डिप्टी कलेक्टेर्स बल्कि बिहार के लोगों के बारे में भी काफी अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया.
बता दें कि बासा को सबक सिखाने के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव होने के नाते के के पाठक ने बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) का निबंधन भी रद्द कर दिया था. निबंधन विभाग ने बासा पर सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के प्रावधान अनुसार काम नहीं करने और कार्यकलापों में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाकर निबंधन रद्द कर दिया था, जिसके बाद अब बासा अधिकारी साफ तौर बोल रहे है की जब तक के के पाठक के खिलाफ कारवाई नहीं होगी तब तक विरोध जारी रहेगा.