Caste Census: बिहार में हो रही जातीय जनगणना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Supreme court rejected hearing on Caste Census, Nitish Tejasvi said It's Our Victory (file Photo)

दिल्ली : डॉ. निशा सिंह

Caste Census: बिहार में हो रही जातीय जनगणना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को प्रचार के लिए दाखिल बताया और याचिकाकर्ता से कहा कि वह चाहे तो हाईकोर्ट में याचिका दे सकता है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई और विक्रम नाथ की बेंच के सामने जातिगत जनगणना के खिलाफ 3 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी थीं. यह याचिकाएं बिहार के नालंदा के रहने वाले अखिलेश कुमार, एनजीओ ‘एक सोच एक प्रयास’और हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थीं. इन याचिकाओं में कहा गया था कि जनगणना अधिनियम के तहत राज्य सरकार को जनगणना का अधिकार ही नहीं है, इसलिए जातिगत जनगणना को रद्द किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी जीत है : नीतीश, तेजस्वी

सुप्रीम कोर्ट का बिहार में हो रहे जातिगत जनगणना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से मना करने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह हमारी जीत है. यह काम तो केंद्र सरकार को करना चाहिए था, लेकिन बिहार में राज्य सरकार ही इसे कर रही है. हरेक आदमी के विकास के लिए आंकड़ें सामने आना जरूरी है. बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसपर कहा कि याचिका प्रचार के लिए दायर की गई थी. जब तक सभी जातियों का सही से डाटा सामने नहीं आ जाता है, उनका सही से कल्याण और विकास नहीं हो सकता है.

Jetline

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