दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
बिहार में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी.
आपको बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना कराने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिसमें पहली याचिका बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि बिहार राज्य की 6 जून की अधिसूचना और फैसला अवैध, मनमाना, तर्कहीन, असंवैधानिक और कानून के अधिकार के बिना है. भारत का संविधान वर्ण और जाति के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है.
सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य याचिका हिंदू सेना ने दाखिल की है. हिन्दू सेना ने अपनी याचिका में कहा है कि बिहार सरकार जातिगत जनगणना कराकर भारत की अखंडता एवं एकता को तोड़ना चाहती है, इसलिए बिहार में जातिगत जनगणना के लिए 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को रद्द किया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि बिहार में अभी महागठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया यानी सीएम जेडीयू के नीतीश कुमार हैं और इस मामले में महागठबंधन के घटक राजद और कांग्रेस भी नीतीश कुमार के साथ हैं. जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार से ये नेता मिले भी थे, लेकिन केंद्र सरकार के इनकार के बाद बिहार सरकार ने विधान सभा से प्रस्ताव पास कराकर अधिसूचना के माध्यम से अपने खर्च पर इसे करवाना शुरू कर दिया है. अब इसी जातिगत जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें कि बीजेपी इस जातिगत जनगणना के खिलाफ है.