दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड तीन राज्यों के लिए वोटिंग की तारीखों का ऐलान कर दिया है. तीनों राज्यों में एक ही चरण में मतदान होगा. त्रिपुरा 16 फरवरी मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग होगा. तीनों राज्यों में ही दिन 2 मार्च को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग के अनुसार त्रिपुरा के लिए 21 जनवरी को नोटिफिकेशन होगा, जबकि मेघालय और नागालैंड में 31 जनवरी को नोटिफिकेशन होगा. त्रिपुरा में नामांकन की अन्तिम तिथि 30 जनवरी है, जबकि मेघालय और नागालैंड में 7 फरवरी है. इसी तरह से त्रिपुरा में स्क्रूटनी की अन्तिम तिथि 31 जनवरी है, जबकि मेघालय और नागालैंड में 8 फरवरी है. नामांकन वापसी की अन्तिम तिथि त्रिपुरा में 2 फरवरी है, जबकि मेघालय और नागालैंड में 10 फरवरी है.
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त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में इस वक्त कितनी सीटें किसके पास
त्रिपुरा में बीजेपी सत्ता पर काबिज है. नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अगुवाई में बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार चल रही है तो वहीं मेघालय में बीजेपी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी. भाजपा के लिए यह बड़ी चुनौती है, क्योंकि तीनों ही राज्यों में बीजेपी के हाथ में कमान है. हालांकि, इनमें से दो राज्यों मेघालय और नागालैंड में गठबंधन की सरकार होने के कारण चुनौती ज्यादा है.
त्रिपुरा का अंकगणित समझिये
त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च 2023 को खत्म हो रहा है. यहां कुल 60 विधानसभा सीटें हैं. यहां हमेशा से ही सीपीआई(एम) और कांग्रेस धुर विरोधी रहे हैं. बीजेपी के लिए यही दोनों पार्टियां सबसे ज्यादा बड़ी चुनौती लिए सामने खड़ी हैं. यहां भाजपा अकेले ही सत्ता के रथ पर सवार है. बीजेपी को डर है कि कहीं दोनों के बीच गठबंधन के कारण सत्ता हाथ से न खोनी पड़ जाए. 2018 के चुनावों में 60 में 35 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. बहुमत के आंकड़े के साथ यहां बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी. आपको बता दें कि बीजेपी ने 25 साल से सत्तारूढ़ माणिक सरकार को यहां सत्ता से बाहर किया था.
नागालैंड में भी मुकाबला कांटे का होगा
नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की नेतृत्व में बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार चल रही है. इस बार भी राज्य में राजनीतिक अटकलों पर विराम लगाते हुए सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और बीजेपी ने 2023 में मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था. एनडीपीपी 40 और बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यहां कांग्रेस के लिए मुश्किल ज्यादा है, क्योंकि एनडीपीपी और भाजपा दोनों ही एक दूसरे का पूरा साथ देते हुए नजर आ रही हैं. हालांकि, बीजेपी को डर है कि एनडीपीपी मुकर न जाए.
मेघालय में बीजेपी की होगी अग्नि परीक्षा
मेघालय में अभी कॉनराड संगमा के नेतृत्व में एनपीपी, बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की गठबंधन सरकार है. राज्य में कांग्रेस पहले के समय में काफी मजबूत रही है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में उसकी दुर्दशा का पूरा फायदा भाजपा को हुआ है. मेघालय में 60 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी है. विधानसभा चुनाव 2018 में राज्य के 59 सीटों पर वोट डाले गए थे, एक सीट पर उम्मीदवार की हत्या के कारण चुनाव रोक दिया गया था. चुनाव में किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ था. लेवल 2 सीटों के बाद भी बीजेपी ने सत्ता का खेल पलटते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, लेकिन इस बार बीजेपी को डर है कि वह इस गठबंधन को बिखरने से बचा सकेगी या नहीं? यहां 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. एनपीपी दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई थी, जिसके खाते में 19 सीटें थी. भाजपा को केवल दो सीटों पर ही जीत हासिल हो सकी थी. इसके बाद भी बीजेपी ने यहां एनपीपी के साथ सरकार बनाई. वहीं, यूडीपी को 6 सीटें हासिल हुईं थी .