दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
तत्कालीन रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. “जमीन के बदले जॉब घोटाला” मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की सीबीआई को अनुमति मिल गयी है. सीबीआई ने इस मामले में कोर्ट को सूचित किया है. अब सीबीआई इस मामले में आगे की जांच को तेज करने वाली है. सीबीआई ने लालू यादव के रेल मंत्री होने के कारण उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी. आरोप है कि इस मामले में लैंड फॉर जॉब के बदले लालू यादव के परिजनों को फायदा पहुंचाया गया था.
लालू प्रसाद यादव वर्तमान में अपने किडनी ट्रांसप्लांट करने के बाद सिंगापूर अपनी बेटी के यहाँ रहकर इलाज करा रहे हैं. फ़िलहाल बिहार झारखण्ड के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में लालू प्रसाद 42 महीने की सजा काटने के बाद अभी जमानत पर हैं. आपको बता दें कि लालू यादव की पार्टी राजद अभी नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में शामिल है।
ये भर्ती घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच का है. आरोप है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने नौकरी लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए थे. सीबीआई ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदल दिया गया था. CBI के मुताबिक उम्मीदवारों को रेलवे में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर नौकरी दी गई. बाद में नौकरी लेने वालों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने आरोपियों को अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी.
पिछले साल अक्टूबर महीने में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी. CBI के मुताबिक उम्मीदवारों को रेलवे में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर नौकरी दी गई. बाद में नौकरी लेने वालों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने आरोपियों को अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी. सीबीआई ने पिछले साल 18 मई को इस मामले में FIR दर्ज की थी। सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में आरोप पत्र दाखिल किया था. लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती और रेलवे के एक पूर्व महाप्रबंधक को भी हाल ही में सीबीआई की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में आरोपी के रूप में नामित किया गया है.
चार्जशीट में सीबीआई का आरोप है कि यह हस्तांतरण राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर किया गया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी. इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के बेहद करीबी भोला यादव को गिरफ्तार किया था. साल 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब भोला यादव उनके OSD थे. सीबीआई का मानना है कि भोला इस घोटाले के किंगपिन हैं.