दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
देश में हो रहे अवैध धर्म परिर्वतन पर सुप्रीम कोर्ट अब गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अवैध धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और इसे राजनीतिक नहीं बनाया जाना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय में आज यानी सोमवार को टिप्पणी करते हुए एटॉर्नी जनरल से कहा कि इस मामले में सहयोग करें. गौरतलब है कि कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि ग़लत तरीक़े से होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े निर्देश दिए जाएं. अब इस केस की अगली सुनवाई 7 फ़रवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने एटॉर्नी जनरल से यह भी कहा कि अगर कहीं भी धमका कर, लालच देकर या बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, तो उसे रोकने के लिए सुझाव दें. आपको बता दें कि हाल ही में कोर्ट ने कहा था कि जबरन धर्म परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा और नागरिकों की धार्मिक आजादी पर हमला है. कोर्ट ने तब भी इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की ज़रूरत बताई थी.
इस मामले में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार के वकील ने कहा कि याचिका राजनीति से प्रेरित है और उनके राज्य में अवैध धर्म परिवर्तन का सवाल ही नहीं है. कोर्ट ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि अगर आपके यहाँ नहीं होता है, तो अच्छा है और अगर होता है, तो ग़लत है. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि इसे एक राज्य के साथ जोड़कर मत देखिए और राजनीतिक मामला मत बनाइए. आपको बता दें कि देश में लगातार हो रहे जबरन धर्म परिवर्तन के मामले को लेकर यह याचिका दायर की गई और कोर्ट ने इसी को ध्यान में रखते हुए ये बातें कही.