झारखंड में सम्मेद शिखर नहीं बनेगा पर्यटन स्थल : केंद्र सरकार

Decision on Sammed Shikhar

रांची : शिवपूजन सिंह

Sammed Shikhar: जैन समाज द्वारा सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ लगातार प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है और पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. इस फैसले से जैन समाज में खुशी की लहर है.

जैन समाज के साथ बैठक के बाद केंद्र का फैसला

आपको बता दें कि लंबे समय से देशभर में जैन समाज के लोग आंदोलन कर रहे थे कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी में स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लिया जाए, क्योंकि वहां मांस और शराब की बिक्री होने लगी है. इस फैसले को लेकर जैन समाज के तमाम पदाधिकारियों ने पर्यटन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और उसके बाद उन्होंने जैन समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का खयाल रखा जाएगा.

जैन समाज का आंदोलन खत्म हुआ

केंद्र सरकार ने पारसनाथ मामले में समिति बनाई है, जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि राज्य सरकार जैन समुदाय से दो सदस्य और स्थानीय जनजातीय समुदाय से एक सदस्य को शामिल करे. इसमें कहा गया है कि 2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई करे. इसके साथ ही पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद जैन समाज का आंदोलन खत्म हो गया है. केंद्रीय मंत्री की तरफ से जारी ज्ञापन में बताया गया है कि पारसनाथ पर्वत क्षेत्र में ड्रग्स और तमाम नशीले पदार्थों की बिक्री करना, तेज संगीत बजाना, लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करना, पालतू जानवरों को लाना, कैंपिंग और ट्रैकिंग करने की इजाजत नहीं होगी और इन सभी नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा.

क्या है विवाद का पूरा मामला ?

आपको बता दें कि पूरा मामला 2019 में केंद्र सरकार के एक फैसले से जुड़ा है, जिसमें केन्द्र ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था. गौरतलब है कि इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी, जिसके बाद फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया. इस बीच पर्यटन स्थल के आसपास शराब और मांस की दुकानें खोलने की भी इजाजत दे दी गई थी, जिसके बाद जैन समाज ने विरोध में आंदोलन शुरु कर दिया, क्योंकि सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का एक पवित्र स्थल है.

‘श्री सम्मेद शिखरजी’ तीर्थ स्थल ही रहेगा : अश्विनी कुमार चौबे

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि झारखंड में ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ तीर्थ स्थल ही रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने पावन तीर्थ ‘सम्मेद शिखर जी’ की पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम उठाया है. झारखंड में ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ तीर्थ स्थल ही रहेगा और उसमें कोई बदलाव नहीं होगा. चौबे ने बताया कि इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. यह स्थल केवल जैन समाज के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए पवित्र स्थान है.

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