पटना – उमेश नारायण मिश्रा
कांग्रेस ने इस बार बिहार में अध्यक्ष के लिए भूमिहार कार्ड को आजमाया है. बता दें कि कभी लालू प्रसाद यादव के खास रहे बिहार कांग्रेस के नेता सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बिहार कांग्रेस के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं. अखिलेश प्रसाद सिंह 15 मार्च 2018 को बिहार राज्य से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. बता दें कि अखिलेश प्रसाद सिंह बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य एवं बिहार राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं. वे अरवल विधानसभा सीट से 2000-2004 तक विधायक रहे हैं. अखिलेश प्रसाद 2004 में भारत की 14वीं लोकसभा के सदस्य थे और मनमोहन सरकार में भारत के कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के मंत्री भी थे. अखिलेश सिंह को उस समय आरजेडी के कोटे राज्य मंत्री बनाया गया था, जब वो लालू यादव की आरजेडी में हुआ करते थे और मोतिहारी संसदीय सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन लालू यादव से मनमुटाव होने के बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
2018 में भी मदन मोहन झा को अध्यक्ष बनाकर राहुल गांधी ने ब्राह्मण कार्ड खेला था
2018 में भी राहुल गांधी ने खेला ब्राह्मण कार्ड खेला था, मदन मोहन झा को बनाया अध्यक्ष था. इसके बाद 2019 में होने वाले चुनाव से पहले पार्टी ने सवर्ण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप कर सवर्णों को लुभाने की कोशिश की थी. बता दें कि झा ब्राह्नण जाति से आते हैं और बिहार में कांग्रेस के पुराने तथा कद्दावर नेता हैं. बिहार में करीब 8 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं. पिछले दिनों बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद अशोक चौधरी को हटाये जाने के बाद से खाली था और कौकब कादरी प्रदेश अध्यक्ष का प्रभार संभाल रहे थे. इनके अलावा चार और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे, जिननमें अशोक कुमार, कौकब कादरी, श्याम सुंदर (धीरज) और डॉक्टर समीर कुमार सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई थी.