दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली के साथ ही गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 400 के ऊपर है. कई इलाकों में तो यह 500 के पार चला गया है. प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली में प्राइमरी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने को कहा गया है. वहीं नोएडा में 8वीं तक के स्कूल 8 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है. इतना ही नहीं दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे और ऐसा ही सुझाव प्राइवेट कंपनियों के लिए भी दिया गया है. दिल्ली में हालात बेहतर नहीं हुए, तो ऑड-ईवन फॉर्म्युला को शुरू किया जा सकता है.
वायु गुणवत्ता की बात करें, तो राजधानी में प्रदूषण ‘गंभीर’ स्थिति में है. दिल्ली में ग्रैप यानी ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान का चौथा चरण लागू होने के बाद स्कूलों को बंद किया गया है. राजधानी में ट्रकों पर रोक रहेगी, सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े ट्रकों को ही आने दिया जाएगा. CNG और इलेक्ट्रिक वीकल्स पर बैन नहीं होगा. गाड़ियों को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से डायवर्ट करने के लिए दिल्ली सरकार यूपी व हरियाणा सरकार को पत्र लिखने जा रही है.
वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ समेत गले में खराश, खांसी आदि परेशानियां हो रही हैं. बच्चों पर प्रदूषण का ज्यादा असर होता है. यही वजह है कि दिल्ली में भी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है. एक तरफ लोग वायु प्रदूषण से परेशान हैं तो दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाने में जुटी हैं. बता दें कि आज ही दिल्ली में निगम चुनाव की तारीखों का एलान हुआ है, ऐसे में वायु प्रदूषण का मुद्दा खूब जोर शोर से उठाया जा रहा है.