दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
राज्यसभा की 57 में से 16 सीटों के लिए 10 जून को चार राज्यों में मतदान होंगे. इन चार राज्यों में महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक शामिल हैं. चुनाव में अब कुछ घंटे का ही समय बचा है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियों को हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) का डर सताने लगा है. बता दें कि राज्यसभा की 57 सीटों पर 15 राज्यों में चुनाव होना था, लेकिन नामांकन वापसी के अंतिम दिन 41 सदस्यों ने निर्विरोध बाजी मार ली.
16 सीटों के लिए होने वाले चुनाव का ये गणित बेहद दिलचस्प है, ऐसे में इससे जानना जरूरी हो जाता है कि इस चुनावी समीकरण में कौन किस पर भारी है-
महाराष्ट्र में छह सीटों पर कड़ा मुकाबला
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अपने दम पर एक-एक सीट जीतने में सक्षम
बीजेपी अपने बाल पर दो सीट जीतने में सक्षम और एक अन्य सीट जीतने के लिए शिवसेना अपने सहयोगी दलों पर निर्भर
राजस्थान में चार सीटों पर सीधी टक्कर
कांग्रेस के पास खुद के 108 विधायक हैं, तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. इन तीनों उम्मीदवारों की जीत के लिए 123 विधायकों के वोट जरूरी है. फिलहाल कांग्रेस को अन्य दलों का समर्थन प्राप्त है और पार्टी 126 वोटों का दावा कर रही है.
बीजेपी ने सुभाष चंद्रा पर दांव खेला है, फिलहाल बीजेपी को 11 अतिरिक्त वोटों की जरूरत और उसके खाते में 33 वोट है.
हरियाणा में दो सीटों पर कड़ा मुकाबला
हरियाणा में दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश की है. बीजेपी की ओर से कृष्ण लाल पंवार तो कांग्रेस की ओर से अजय माकन मैदान में हैं. निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय को बीजेपी और जेजेपी का समर्थन है. फिलहाल
कांग्रेस के पास 31 विधायक, लेकिन तीन विधायकों ने सभी ऑप्शन खुले रखे हैं.
कर्नाटक में चार सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
कर्नाटक की 224 सीटों वाली विधानसभा में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए दलों को 45 विधायकों की जरूरत है. फिलहाल कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं, यानी एक सीट साफ है, जबकि दूसरी सीट जीतने के लिए 20 और वोटों की जरूरत पड़ेगी.
बीजेपी के पास 121 विधायक हैं, यानी दो सीट निश्चित है, जबकि तीसरी सीट जीतने के लिए 14 और वोटों की जरुरत पड़ेगी.
जेडीएस के पास 32 विधायक हैं और पार्टी ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.