पटना : उमेश नारायण मिश्र
अब बिहार में जातीय जनगणना होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि सर्वदलीय बैठक के बाद निर्णय हुआ है कि बिहार में जातीय आधारित जनगणना की जाएगी और जिन लोगों को जातीय गणना में लगाया जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए बिहार कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि जातीय जनगणना के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और आवश्यक वित्त का प्रबंध किया जाएगा. जातीय गणना को पूरी तौर पर प्रकाशित किया जाएगा. विधान सभा के 9 दल इसमें शामिल हैं. कैबिनेट के माध्यम से इसकी समय सीमा भी तय किया जाएगा और एक समय सीमा के अंदर ये काम किया जाएगा. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी से मिलकर जातीय जनगणना को राष्ट्रीय स्तर पर कराने का अनुरोध किया गया था, लेकिन अब इसे राज्य स्तर पर अपने तरफ से करना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीच मे चुनाव आ गया था, इसलिए बैठक में देर हुई है, लेकिन आज की बैठक में सभी दलों की सहमति बनी है.
जातीय जनगणना की खास बातें
सभी धर्मो के जातियों की गिनती होगी। सभी का आकलन किया जाएगा। जाती आधारित गणना इसका नाम होगा।
जाति आधारित गणना को प्रकाशित किया जाएगा ताकि लोगो को पूरी जानकारी मिल सके.
जातियों के उप जातियों की भी गणना होगी.
इस जनगणना में सभी सम्प्रदाय के सभी जाति के लोगों की गणना होगी.
जनगणना में जिन लोगों को लगाया जाएगा, उनको पहले ट्रेनिंग दी जाएगी.
जातीय जनगणना के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और आवश्यक वित्त का प्रबंध किया जाएगा.
यह लालू यादव और बिहार के गरीबों की जीत है- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना की लड़ाई शुरू से राज्य में लड़ी गई है और यह लालू यादव और बिहार के गरीबों की जीत है. इसमें कानूनी तौर पर कोई बाधा ना हो इसे भी देखा जाना चाहिए. जातीय गणना पर खर्च अधिक होगा. बिहार कमजोर गरीब और पिछड़ा राज्य है. इस जनगणना पर होनेवाले खर्च को भारत सरकार उठाये, यह मांग संसद में उठाना चाहिए. मदद करने के किये भारत सरकार को आगे आना चाहिए. जातीय गणना में किसी को समस्या नहीं है, इसके विरोध का कोई मतलब नहीं है. बैठक में हमने सरकार से मांग की है कि अगले कैबिनेट में जातीय गणना का प्रस्ताव लाया जाए. तेजस्वी ने कहा कि नवंबर के महीने के गिनती हो, क्योंकि छठ पूजा में बाहर रहने वाले लोग बिहार आते हैं.