न्यूज डेस्क
नेपाल की केपी ओली सरकार भारत के खिलाफ अपने एजेंडे पर कायम है. पहले उसने भारतीय इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल कर लिया और अब उल्टे इस विवाद के जरिए बच्चों के दिमाग में भारत के खिलाफ जहर घोलने में जुट गया है. कक्षा 9 के विद्यार्थियों के लिए एक पाठ्यपुस्त तैयार की गई है, जिनमें उन्हें पढ़ाया जाएगा कि भारत ने नेपाल की भूमि पर कब्जा कर रखा है.
दरअसल, नेपाल सरकार ने बच्चों की एक किताब (Book) में विवादित नक्शा प्रकाशित किया है. द काठमांडू पोस्ट की एक खबर के अनुसार, इसमें भारत के साथ सीमा विवाद का भी जिक्र है. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत को झटका पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है.
नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरल के मुताबिक किताब का प्रकाशन भारत की कार्रवाई के जवाब में किया गया है. उनका कहना है कि भारत ने पिछले साल कालापानी को अपनी सीमा में दिखाते हुए नक्शा जारी किया था. नेपाल कालापानी को अपना बताता है. नेपाल की नई किताब में बच्चों को नेपाल के क्षेत्र के बारे में पढ़ाया जा रहा है और सीमा विवादों का जिक्र भी किया गया है. इसमें भारत के साथ विवाद भी शामिल है. ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या ऐसा करना जरूरी थी. खासकर ऐसे वक्त में जब सरकार के सामने दूसरे ज्यादा जरूरी मुद्दे हैं. इस साल यह विवाद मई में बढ़ गया था जब भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कैलाश मानसरोवर के लिए लिपुलेख से होते हुए लिंक रोड का उद्घाटन कर दिया था. इसके जवाब में नेपाल ने अपना नया नक्शा जारी कर दिया जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा तीनों उसके क्षेत्र बताए गए थे.
किताब में कहा गया है कि 1962 के चीन युद्ध के बाद तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी सेना कुछ वक्त तक नेपाल में रखने की इजाजत मांगी. इसमें दावा किया गया है कि बाद में सेना हटाने की जगह भारत सरकार ने नक्शा जारी कर क्षेत्र को अपना बता दिया. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि भारत ने सीमा से लगे जिलों में सोच-समझकर अतिक्रमण किया है.