रांची : शिवपूजन सिंह
चारा घोटाला के पांचवें मामले में झारखण्ड के डोरंडा कोषागार से जुड़े 47ए/96 इस मामले में रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने आज सजा का एलान किया. इस मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा का एलान करते हुए कोर्ट ने कहा कि सत्ता की ताकत के बदौलत सरकारी पैसे का फर्जी तरीके निकासी किया जाना गंभीर मामला हैं. लालू प्रसाद यादव पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
गौरतलब है कि चारा घोटाले में 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में प्राथमिकी के 9 साल बाद 26 सितंबर 2005 को लालू प्रसाद समेत 148 के खिलाफ आरोप तय हुआ था. लगभग 26 साल तक चले इस मामले में कल फैसला आने वाला है. इससे पहले चारा घोटाले से जुड़े चार मामले में लालू यादव को पहले सजा हो चुकी है और लालू यादव जमानत पर बाहर थे. इसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद फिर से जेल में बंद हैं. स्वास्थ कारणों से अभी रांची मेडिकल कॉलेज (रिम्स) में भर्ती हैं.
चारा घोटाला : चार मामले में सजा हो चुकी थी
इसके पहले आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े चार मामले में सजा हो चुकी है. इसमें पहला मामला चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का है. इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे. इसमे लालू को 5 साल की सजा हुई है. साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा था.
चारा घोटाला दूसरा मामला- दूसरे मामले में साढ़े तीन साल की सजा हुई. दूसरा मामला देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का है. इसमें लालू यादव समेत 38 पर केस चला. लालू यादव को इस मामले में साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया गया.
चारा घोटाला तीसरा मामला- चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है. जिसमें लालू यादव समेत 56 आरोपी थे. इसमें लालू यादव को कोर्ट दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई. चाईबासा कोषागार मामले में 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया.
चारा घोटाला चौथा मामला- इस मामले में दो धाराओं के तहत 7-7 की सजा हुई. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी करने का चौथा मामला है. इसमें लालू यादव को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई. इसमें 60 लाख जुर्माना भी लगाया गया.