दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा है कि देश की संस्थाओं के खिलाफ सोशल मीडिया में झूठा प्रचार करने वालों पर रोक अभिव्यक्ति की आजादी का हनन नहीं है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भारत को बदनाम करने वालों से सावधान रहने की जरूरत है. भारत के संविधान में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन इसका गलत फायदा भी उठाया जा रहा है.
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि भारत एक ऐसा लोकतंत्र है जहां सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि सोशल मीडिया में देखने को मिलता है. हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है. जस्टिस अरुण मिश्रा दिल्ली में आज एक पुरस्कार समारोह में ये बातें बोल रहे थे.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कुछ लोग प्रायोजित तरीके से देश की संस्थाओं के खिलाफ झूठा प्रचार करते हैं और अगर ऐसे मेसेज को सोशल मीडिया में रोक दिया जाता है या सेंसर कर दिया जाता है तो इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन नहीं कहना चाहिए. कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए लोकतांत्रिक संस्थाओं, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और पूरे देश को बदनाम कर रहे हैं, इनपर अंकुश लगाया जाना सही है.