पटना : उमेश नारायण मिश्रा
राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि राजद का इतिहास संघर्ष का इतिहास रहा है. हमने कभी समझौता नहीं किया, हमारी अध्यक्षता में पार्टी ने बड़ी सफलता हासिल की है. राजद का दर्जा देश में किसी भी पार्टी से बड़ा है. पार्टी के नेताओं को हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए, अंग्रेज आज नए रूप में जन्म लेकर देश पर राज कर रहे हैं. ऐसा पीएम हमने पहले कभी नहीं देखा. मैं तीन चुनाव लड़ने से चूक गया हूँ, लेकिन तेजस्वी के नेतृत्व में सभी ने कमाल कर दिया है. बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि संगठन के लोग बाहर जाकर काम नहीं करना चाहते हैं. अब अलग-अलग राज्यों में सभी को जिम्मेदारी दी जाएगी.
तेजश्वी यादव ने कहा कांग्रेस के बिना देश में विपक्ष संभव नहीं
तेजश्वी यादव ने कहा आज देश एक रहेगा या टूटा रहेगा, यही सबसे बड़ी समस्या है. राजद पहले एक राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी. गठबंधन का जमाना आया तो हमने गठबंधन बनाया, धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ कई राज्यों में भाग लिया. तेजस्वी ने कांग्रेस पर कहा कि कांग्रेस के बिना देश में विपक्ष संभव नहीं है, लेकिन क्षेत्रीय दलों को राज्यों में ड्राइविंग सीट पर बिठाना होगा. बिहार में राजद सबसे बड़ी पार्टी है. बिहार में खुद राजद को कांग्रेस द्वारा कमजोर किया जा रहा है. यह काम नहीं होना चाहिए. हमने विधानसभा में कांग्रेस को 70 सीटें दी थी. सब कहते हैं बहुत हो गया. राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्र में राजद कांग्रेस के साथ खड़ा है. कांग्रेस को बिहार में भी समर्थन देना चाहिए.
जदयू ने 15 दिन में 100 करोड़ रुपये जमा किए
तेजस्वी ने नीतीश पर उठाए सवाल कहा कि जदयू ने 15 दिन में 100 करोड़ रुपये पार्टी फंड में जमा किए हैं. बिहार के सभी अधिकारियों को पैसे देने के लिए कहा गया है. तीसरे पक्ष को इतना पैसा कौन दे रहा है? बीडीओ से लेकर तमाम अधिकारियों को पैसे बाँटे गए हैं. स्पेशल स्टेटस के नाम पर तमाशा हो रहा है. डबल इंजन सरकार में कौन पैसा नहीं दे रहा है?
बता दें कि लालू यादव इन दिनों मुश्किलों में घिरे हुए हैं. बीते साल अप्रैल माह में बेल पर बाहर आए आरजेडी प्रमुख को दोबारा चारा घोटाला मामले में सजा काटनी पड़ सकती है. दरअसल, 15 फरवरी को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में चारा घोटाले मामले का पांचवा और अंतिम फैसला होना है, जो डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है.