दिल्ली : रिसर्च न्यूज़ डेस्क
देश में कोरोना महामारी की वजह से रैलियों पर चुनाव आयोग द्वारा लगाम लगाने के बाद राजनीतिक दलों का सोशल मीडिया पर कैंपेन वोटरों के मन मिजाज को टटोल रहा है. हालांकि, अभी सिर्फ भाजपा और कांग्रेस ही इसका व्यापक इस्तेमाल करती नजर आ रही हैं. फेसबुक के आंकड़ों की बात की जाए तो भाजपा इस सोशल मीडिया माध्यम के जरिए कैंपेन चुनाव प्रचार में सबसे आगे है. पिछले 90 दिनों के आंकड़ों में राजनीतिक दलों के विज्ञापनों के मामले में भाजपा सबसे ऊपर है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस फेसबुक कैंपेन में भाजपा के पीछे चल रही है. वहीं, सपा और बसपा टॉप 10 में नहीं हैं. भाजपा ने तीन महीनों में करीब 1.5 करोड़ रुपये खर्च कर 1132 विज्ञापन दिए हैं. वहीं, इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कैंपेन पर 43 लाख खर्च कर 800 से ज्यादा विज्ञापन चलाए जा रहे हैं.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah के 22 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश के शामली और मेरठ में सार्वजनिक कार्यक्रम।
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कांग्रेस ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश से ज्यादा पंजाब पर है. पंजाब कांग्रेस विज्ञापनों के मामले में तीसरे नंबर पर नजर आ रही है. पार्टी ने 42 लाख खर्च कर 1638 विज्ञापन चलाए हैं. हालांकि, टॉप 10 में सपा और बसपा ने 3 महीने के औसत में भी विज्ञापन पर खर्च नहीं किया है.
LIVE: Shri @RahulGandhi and Smt. @priyankagandhi launch UP's Youth Manifesto, at the AICC HQ.#कांग्रेस_का_भर्ती_विधान https://t.co/lNvavso7fH
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एक महीने में विज्ञापनों पर खर्च का हिसाब-किताब को जानिए
पिछले एक महीने की बात की जाए तो 21 दिसंबर से 19 जनवरी के दौरान सबसे ज्यादा सोशल मीडिया कैंपेन पर भाजपा यूपी का ही खर्च नजर आ रहा है. पार्टी 78 लाख से ज्यादा खर्च कर 617 विज्ञापन चला रही है. वहीं, कांग्रेस दूसरे नंबर पर ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कैंपेन पर खर्च कर रही है. इस पर करीब 40 लाख रुपए खर्च किए गए. कांग्रेस पंजाब की तरफ से चलाए जा रहे फेसबुक ऐड कैंपेन पर 34 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा यूपी में ज्यादा खर्च सोशल मीडिया पर देखने को नहीं मिल रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, फेसबुक पर भारत में 9,94,237 विज्ञापनों के लिए फरवरी 2019 से अब तक 154 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. एड लाइब्रेरी में राजनीतिक दलों के मामले में सबसे ज्यादा सर्च किए जाना वाला की-वर्ड बीजेपी ही है.
प्रशांत किशोर का आईपीएसी का खर्च सबसे ज्यादा ममता उठा रही है
भारत में अब तक के कुल विज्ञापनों की बात की जाए तो यहां इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी की तरफ से ‘बांगलार गोरबो ममता’ के विज्ञापन खर्च टॉप पर हैं. इनकी तरफ से 5.6 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किये जा रहे हैं. वहीं, भाजपा राजनीतिक दलों में दूसरे नंबर पर है. पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर 4.6 करोड़ रुपये के करीब 2700 विज्ञापन चलाए गए. वहीं, कांग्रेस की तरफ से कुल 1.8 करोड़ के विज्ञापन दिए गए. यूपी भाजपा ने 1.7 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. इन कुल विज्ञापनों में भी बाकी दलों का रुझान कम ही देखने को मिल रहा है.