न्यूज डेस्क :
भारत में कोरोना वायरस के तीसरी लहर के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टेस्टिंग को लेकर अहम सलाह दी है. आईसीएमआर ने कहा है कि हाई रिस्क की पहचान किए जाने तक उन लोगों को टेस्टिंग की कोई जरूरत नहीं जो लोग कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए हैं. जांच करवाने के लिए व्यक्ति में लक्षण दिखने चाहिए. बता दें कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमितों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच करवाई जाती थी, क्योंकि इन दोनों लहरों में लोगों को टीका नहीं लगा था या बहुत कम लगा था, जिससे लोगों की जान जाने का अधिक खतरा था, लेकिन अब लोग वैक्सिनेटेड है और इससे मृत्यु दर भी बहुत कम हो गई है.
आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि अकेले इंटर स्टेट घरेलू यात्रा करने वाले व्यक्तियों को भी टेस्टिंग कराने की जरुरत नहीं है. साथ ही कोरोना के सारे टेस्टिंग या तो आरटी-पीसीआर, TrueNat, CBNAAT, CRISPR, RT-LAMP, रैपिड मॉलिक्यूलर टेस्टिंग सिस्टम या फिर रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) द्वारा किया जा सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को देश में एक दिन में कोरोना वायरस के 1,79,723 नए मामले आए और अब तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,57,07,727 पर पहुंच गयी है, जिनमें से अभी तक 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से आए ओमीक्रोन स्वरूप के 4,033 मामले भी शामिल हैं. उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 7,23,619 हो गई है जो करीब 204 दिनों में सबसे अधिक संख्या है. पिछले चौबीस घंटों में 146 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,83,936 हो गई है.