न्यूज़ डेस्क :
देश में कोरोना की तीसरी लहर के पीक पर रोजाना 4-8 लाख केस आएंगे. इस दौरान 1.5 लाख बेड की जरूरत पड़ेगी. दिल्ली और मुंबई में 15 जनवरी तक तीसरी लहर का पीक आ जाएगा. कानपुर IIT के प्रो. डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि इसकी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है, लेकिन अस्पताल भर्ती होनेवाले मरीजों की संख्या कम ही रहेगी, फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आज 7 जनवरी को देश में 1,17,100 नए कोराेना केस दर्ज हुए हैं.
डॉ. मनिंद्र अग्रवाल के मुताबिक़ दिल्ली और मुंबई में तीसरी लहर के पीक जल्दी आनेवाला. दिल्ली में 15 जनवरी तक तीसरी लहर के पीक पर रोजाना 35-70 हजार केस आएंगे और 12 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी. इस दौरान मुंबई में 30-60 हजार केस आएंगे और अस्पतालों में 10 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी. हालांकि प्रो. अग्रवाल ने कहा है कि मार्च तक पूरे देश से कोरोना पीक से नीचे आ जाएगा.
बता दें कि आज शुक्रवार, 7 जनवरी को देश में 1,17,100 नए कोराेना केस दर्ज हुए हैं, जिसमें 3,007 ओमिक्रॉन के मरीज हैं. गौरतलब है कि अकेले गुरुवार को मुंबई में 20,181 नए केस मिले, जबकि राजधानी दिल्ली में 15,000 से अधिक केस मिले. कोरोना के तेजी से बढ़ रहे आंकड़े डराने वाले हैं, लेकिन राहत की बात यही है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या अब भी कम है. यही वजह है कि सरकार बहुत ज्यादा पाबंदियां लगाने पर विचार नहीं कर रही है. दिल्ली में मेट्रो ट्रेन और बसें पूरी क्षमता से चलती रहेंगी तो मुंबई में लोकल ट्रेनों को बंद करने पर फिलहाल कोई विचार नहीं चल रहा है. हालांकि मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा था कि यदि शहर में 20 हजार से ज्यादा नए कोरोना केस मिलते हैं तो फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है.